प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाराष्ट्र के जलगांव में ‘लखपति दीदियों’ से बातचीत की। ‘लखपति दीदी’ स्वयं सहायता समूहों की उन महिलाओं को कहा जाता है जो सालाना एक लाख रुपये कमातीं हैं। प्रधानमंत्री ने 11 लाख नई लखपति दीदियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। जलगांव में महिलाओं के एक समूह ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया, जिसके बाद उन्होंने कुछ स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की सदस्यों से बात की।
महाराष्ट्र के जलगांव में लखपति दीदी सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब मैं लोकसभा चुनाव के दौरान आपके पास आया था, तो मैंने वादा किया था कि हम 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाएंगे। मैंने अपना वादा पूरा किया।उन्होंने कहा कि ‘लखपति दीदी’ योजना न केवल महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को सशक्त बनाने के लिए भी है।भारत की नारी शक्ति ने हमेशा समाज और राष्ट्र के भविष्य के निर्माण में अहम योगदान दिया है।आज जब हमारा देश विकसित बनने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, तो एक बार फिर हमारी नारी शक्ति आगे आ रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जलगांव में कहा कि मोदी सरकार ने महिलाओं के लिए जो काम 10 साल में किया है वह आजादी के बाद से कोई सरकार नहीं कर पाई है। महिला स्वयं सहायता समूहों को 2014 तक 25,000 करोड़ रुपये से कम ऋण दिया गया जबकि पिछले 10 वर्षों में उन्हें नौ लाख करोड़ रुपये दिए गए।
कोलकाता में हुई घटना के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को कड़ी सजा दिलाने के लिए कानूनों को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए कानूनों में नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए मृत्युदंड और आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है। बेटियों के साथ शादी के नाम पर धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं। पहले इसके लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं था।अब भारतीय न्याय संहिता में शादी के झूठे वादे और धोखे को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए केंद्र सरकार हर तरह से राज्य सरकारों के साथ है।प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हमें भारतीय समाज से इस मानसिकता को खत्म करना ही होगा।