न्यूज़ डेस्क
आज संसद के अपने कार्यालय में राहुल गाँधी ने किसान नेता को बुलाया था लेकिन किसानों को भीतर नहीं जाने दिया जा रहा था। काफी समय तक जद्दोजहद चलता रहा। बाद में किसानों के 12 नेताओं को इंट्री दी गई और राहुल गाँधी उन किसान नेताओं से मिल सके।
मुलाकात से कुछ देर पहले राहुल ने किसानों को संसद के अंदर नहीं आने देने का आरोप लगाया था। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘हमने उन्हें यहां मिलने के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन वे उन्हें यहां नहीं आने दे रहे हैं। क्योंकि वे किसान हैं, शायद यही कारण है कि वे उन्हें अंदर नहीं आने दे रहे हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘यह समस्या है। मगर हमें क्या करना चाहिए? यह एक तकनीकी मुद्दा भी हो सकता है।’ हालांकि, कुछ देर बाद किसानों को अंदर जाने की इजाजत मिल गई। एजेंसी के मुताबिक, किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी के सामने प्राइवेट मेंबर्स बिल (निजी सदस्य विधेयक) लाने की बात रखी है।
किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में देशभर से आए 12 किसान नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, सुखजिंदर सिंह रंधावा, गुरजीत सिंह औजला, धर्मवीर गांधी, डॉ अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और जय प्रकाश भी मौजूद रहे।
किसान नेताओं से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा, ‘हमने अपने घोषणापत्र में कानूनी गारंटी के साथ एमएसपी का जिक्र किया है। हमने आकलन किया है और इसे लागू किया जा सकता है। हमने अभी एक बैठक की, जिसमें तय किया गया कि हम विपक्षी गठबंधन के दूसरे नेताओं से बात करेंगे और सरकार पर दबाव डालेंगे कि देश के किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए।’
22 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने कहा था कि वे देशभर में मोदी सरकार के पुतले जलाएंगे। एमएसपी गारंटी को कानूनी बनाने की अपनी कानून की गारंटी, ऋण माफी, फसल बीमा, किसानों और खेतिहर मजदूरों की पेंशन, बिजली के निजीकरण को वापस लेने समेत अन्य मांगों को पूरा करने के लिए नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।
इसके अलावा विपक्ष द्वारा निजी विधेयकों का समर्थन करने के लिए मार्च भी निकालेंगे। प्रदर्शनकारी किसान 15 अगस्त को देश भर में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। और नए क्रिमिनल बिल की कॉपियां भी जलाएंगे।