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केजरीवाल की अंतरिम जमानत को लेकर 10 मई को अपना आदेश सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट 

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न्यूज़ डेस्क 
उच्चतम न्यायालय कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत को लेकर 10 मई को अपना आदेश सुनाएगा।

गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ की अध्यक्षता करने वाले न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा, “हम शुक्रवार को अंतरिम आदेश सुनाएंगे। गिरफ्तारी को चुनौती देने से जुड़े मुख्य मामले पर उस दिन सुनवाई भी होगी।’’

न्यायमूर्ति खन्ना बुधवार को न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी के साथ एक अलग पीठ में बैठे थे। उन्होंने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की ओर से केजरीवाल की याचिका को सूचीबद्ध किये जाने के मामले में पूछे जाने पर यह टिप्पणी की।

राजू तीन-सदस्यीय उक्त खंडपीठ के समक्ष वस्तु और सेवा कर से संबंधित एक मामले में केंद्र की ओर से पेश हुए थे। उन्होंने केजरीवाल की याचिका को सूचीबद्ध किये जाने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं।

न्यायमूर्ति खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने सात मई को केजरीवाल की अंतरिम जमानत को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

दो न्यायाधीशों की यह पीठ केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने पर आदेश सुनाए बिना उठ गई थी।

पीठ ने केजरीवाल और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

जांच एजेंसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने लोकसभा चुनाव के कारण केजरीवाल के प्रति किसी भी तरह की नरमी दिखाने का कड़ा विरोध किया था और कहा था कि आप के राष्ट्रीय संयोजक को अंतरिम जमानत देना राजनेताओं के लिए एक अलग वर्ग बनाने जैसा होगा।

पीठ ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका की सुनवाई को दो हिस्सों में बांटा है।

उनकी मुख्य याचिका में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है और इसे अवैध घोषित करने की मांग की गई है, जबकि दूसरा पहलू मौजूदा लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए अंतरिम जमानत देने से संबंधित है। अदालत ने अंतरिम जमानत देने के मुद्दे पर आदेश सुरक्षित रख लिया।

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