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रविवार विशेष: शांति के लिए बढ़ते महिला सैनिकों के कदम, दुनिया देखेगी दम

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संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के लिए सबसे बड़े सैन्य योगदान करने वाले देशों में से भारत एक है। भारत संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए पूरी तरह से महिलाओं की टुकड़ी को तैनात करने वाला पहला देश बन गया है। भारतीय दल, जिसमें दो अधिकारी और 25 अन्य रैंक शामिल हैं, एक एंगेजमेंट प्लाटून का हिस्सा बनेंगे और कम्युनिटी आउटरीच में विशेषज्ञ होंगे।

दरअसल युद्धग्रस्त अफ्रीकी देश सूडान में भारतीय सेना ने महिला सैनिकों की एक पूरी पलटन को तैनात किया है. यूएन पीसकीपिंग मिशन में ये भारतीय सेना की सबसे बड़ी महिला टुकड़ी है. संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में भारतीय नारी शक्ति की भागीदारी की खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है.

भारतीय सेना के मुताबिक, महिला सैनिकों की इस टुकड़ी को विवादित अबेई क्षेत्र में तैनात किया है. ये क्षेत्र सूडान और साऊथ सूडान के बीच विवादित सीमा-क्षेत्र है. शांति बहाली के लिए संयुक्त राष्ट्र ने यहां यूएन अंतिरम सुरक्षा फोर्स (यूएनआईएसएफ) को तैनात किया है. इस फोर्स में भारत सहित कई देशों की सेनाओं की टुकड़ियां शामिल है.

भारतीय सेना ने महिला-सैनिकों की अपना सबसे बड़ी टुकड़ी को अबेई भेजने से पहले दिल्ली एयरपोर्ट की एक तस्वीर अपने आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर साझा करते हुए लिखा, “ये टीम यूएन के झंडे तले बेहद ही ऑपरेशन्ल और चुनौती भरे इलाकों में से एक अबेई में महिलाओं और बच्चों को राहत और सहायता प्रदान करेगीर

भारतीय  सेना के इस ट्वीट को ‘कोट’ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, ”इसे देखकर गर्व महसूस हो रहा है. यूएन शांति मिशन में हिस्सा लेने की भारत की परंपरा रही है. नारी-‍शक्ति की भागीदारी और अधिक प्र‌सन्नता का कारण है.ह

हम आपको बता दें कि साल 2007 में लाइबेरिया में पहली बार महिलाओं की टुकड़ी को तैनात करने के बाद से ये संयुक्त राष्ट्र मिशन में महिला शांति सैनिकों की भारत की सबसे बड़ी एकल इकाई होगी। ये शांति रक्षक दलों में भारतीय महिलाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि करने के भारत के इरादे को भी आगे बढ़ाएगी।

अबेई में हाल ही में हिंसा की बढ़ी घटनाओं के कारण महिलाओं और बच्चों के लिए चुनौतीपूर्ण मानवीय चिंताएं पैदा हुई हैं। स्थाई मिशन के बयान में कहा गया है कि “भारतीय महिलाओं की विशेष रूप से शांति स्थापना में एक समृद्ध परंपरा है।”

संयुक्त राष्ट्र में ये भी कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र की पहली पुलिस सलाहकार डॉ किरण बेदी, यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड 2019 से सम्मानित मेजर सुमन गवानी और शक्ति देवी ने यूएन पीसकीपिंग में अपनी पहचान बनाई है। और अब ये पीसकीपर महिला जवान दुनिया को शांति के क्षेत्र में अपना दम दिखाएंगी।

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