पटना (बीरेंद्र कुमार): बिहार में जाति आधारित जनगणना की शुरुआत 7 जनवरी से होने जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से इसे लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गई है।करीब 2 लाख कर्मी इस जाति जनगणना में लगाए गए हैं। इसमें शिक्षक,विकास मित्र,और आंगनवाड़ी सेविका समेत सभी स्तर के कर्मी शामिल हैं। पहले पूरे बिहार में मकानों की गणना की जाएगी और इसकी रिपोर्ट आने के बाद फिर लोगों की गणना जाति के आधार पर की जाएगी।
21 जनवरी तक चलेगा पहला फेज
जाति जनगणना के अंतर्गत 7 जनवरी से 21 जनवरी तक पहले फेज में मकानों की गणना की जाएगी। सभी मकानों को यूनिक नंबर दिया जाएगा। राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में यह काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए कर्मचारियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। उन्हें भरने के लिए प्रपत्र भी दिया गया है, जिसमें जिला, प्रखंड, और नगर निकाय का जिक्र करना होगा। इसके साथ ही ब्लॉक संख्या,भवन संख्या,और मकान संख्या भरना होगा। प्रपत्र में परिवार की संख्या का जिक्र करना होगा। परिवार के मुखिया का हस्ताक्षर भी लेना होगा। गणना प्रपत्र और मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रत्येक परिवार के सदस्य का आंकड़ा एकत्रित होगा जो बिहार राज्य जाति आधारित गणना प्रबंधन एवं प्रबोधन पोर्टल पर बेल्ट्रॉन के सर्वर पर एकत्रित होगा।
इसमें अंतिम बार 1931 में हुई थी जातिगत जनगणना
देश में अंतिम बार 1931 में जातिगत जनगणना की गई थी। उसके बाद एससी- एसटी की गणना की जाती रही है, लेकिन अन्य जातियों की गणना नहीं की जाती है। कुछ राज्यों ने जाति आधारित जनगणना करवाई थी लेकिन उसे प्रकाशित नहीं किया था। बिहार इस तरह से पहला राज्य होगा, जो जाति आधारित जनगणना इतने बड़े पैमाने पर आ रहा है।