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सम्मेद शिखरजी पर केंद्र ने मानी जैन समाज की मांग,झारखंड सरकार के फैसले पर लगायी रोक

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रांची (बीरेंद्र कुमार): केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने झारखंड के गिरिडीह जिला के पारसनाथ पहाड़ी (सम्मेद शिखरजी) को पर्यटन स्थल घोषित नहीं करने की जैन समाज की मांगों को मान लिया है। केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने के झारखंड के हेमंत सोरेन सरकार के फैसले पर तत्काल रोक लगा दी है। साथ ही 3 सदस्य कमेटी का भी गठन करने का ऐलान किया है,जिसमें जैन समाज के 2 लोगों को शामिल किया जाएगा इस कमेटी में एक व्यक्ति स्थानीय होगा।

गिरिडीह और रांची से लेकर दिल्ली,राजस्थान और टोरंटो तक हुआ विरोध प्रदर्शन

गौरतलब है कि पारसनाथ पहाड़ सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल और ईकोटूरिज्म क्षेत्र बनाए जाने का जैन समाज के लोगों ने विरोध किया है। इस विरोध प्रदर्शन में एक जैन मुनि ने अपने प्राण भी त्याग दिए हैं। इसके बावजूद लगातार कई दिनों से जगह जगह यह विरुद्ध प्रदर्शन चल रहा है। स्थानीय गिरिडीह से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन बाद में झारखंड की राजधानी रांची से लेकर देश की राजधानी दिल्ली और राजस्थान समेत देश के कई शहरों में हुआ। यहां तक कि विदेश में टोरंटो और कई अन्य शहरों में भी जैन समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।

खंड 7.6.1 के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने का झारखंड सरकार को दिया निर्देश

केंद्र सरकार ने इको सेंसेटिव अधिसूचना खंड-3 के प्रावधानों पर रोक लगाने की बात कही है। केंद्र सरकार ने कहा कि 3 सदस्यों की एक निगरानी समिति बनेगी जिसमें दो जैन समुदाय के और एक स्थानीय व्यक्ति को शामिल किया जाएगा। केंद्र ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि पारसनाथ वन्य जीव अभ्यारण की प्रबंधन योजना जो पूरे पारसनाथ पर्वत की रक्षा करता है के खंड 7.6.1 के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने के लिए तत्काल सभी कदम उठाए जाएं।

पारसनाथ पर्वत क्षेत्र में इन चीजों पर हो प्रतिबंध

इन प्रावधानों के तहत पारसनाथ पर्वत क्षेत्र पर शराब, ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध है इतना ही नहीं यहां संगीत बजाने या लाउडस्पीकर के उपयोग पर भी रोक है। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थलों जैसे पवित्र स्मारकों, झीलों, चट्टानों ,गुफाओं और मंदिरों में या उसके आसपास हानिकारक वनस्पतियों या जीवो ,पर्यावरण प्रदूषण के कारण जंगलों, जल निकायों, पौधों और जानवरों के लिए हानिकारक काम करना या ऐसे स्थलों की प्राकृतिक शांति को भंग करना मना है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को सभी प्रतिबंधों को कड़ाई से लागू करने की बात कही है।

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