चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अहम फैसला दिया है। अदालत ने कहा कि चुनाव अधिकारी ने यह मान लिया है कि उन्होंने बैलेट पेपर से छेड़छाड़ की थी और उनके खिलाफ केस चलना चाहिए। यही नहीं शीर्ष अदालत ने कहा कि बैलेट पेपर्स की वह खुद जांच करेगा।सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि इस चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग यानि पार्षदों का दल- बदल चिंताजनक है। अदालत ने कहा कि चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने खुद माना है कि वह गड़बड़ी में शामिल थे और बैलट पेपर से छेड़छाड़ की गई थी।शीर्ष अदालत मंगलवार को इस मामले में फिर से सुनवाई करेगा।
कल शीर्ष अदालत तय करेगा कि इस छेड़छाड़ की वजह से पुनर्मतदान हो या नहीं
शीर्ष अदालत ने चुनाव अधिकारी अनिल मशीन से कहा है कि वह मंगलवार को भी खुद अदालत में आए और अपना पक्ष रखें न्यायालय ने कहा कि मंगलवार को हम दोपहर 2:00 बजे फिर से इस मामले में सुनवाई करेंगे और अनिल मसीह भी इस मौके पर उपस्थित रहे न्यायालय ने सुनवाई के दौरान पूछा कि आप यह बताएं की वैलेट पेपर्स में अपने निशान लगाए थे या नहीं? इस पर अनिल मशीन ने कहा कि मैं वैलेट पेपर पर निशान सिर्फ इसलिए लगाए थे ताकि उनकी गिनती करने में आसानी हो कल सुप्रीम कोर्ट वैलेट पेपर को चेक करेगा और उसके बाद यह तय किया जाएगा की चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव नए सिरे से फिर से होगा या नहीं।
हॉर्स ट्रेडिंग की संभावना
शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर भी चिंता जताई है।अदालत की इस टिप्पणी को लेकर माना जा रहा है उसने आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों के बीजेपी में जाने पर यह बात कही है। इस तरह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से चुनाव अधिकारी अनिल मसीह की मुश्किल और बढ़ सकती है। अनिल मसीह का वीडियो भी सुप्रीम कोर्ट ने देखा है और इसके बाद ही उनकी भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान अनिल मसीह से यह भी पूछा कि आप आखिर कैमरे की ओर क्यों देख रहे थे? इस पर अनिल मशीन ने कहा कि वहां बहुत शोर हो रहा था और वहां तमाम कैमरे लगे थे इसलिए मैं उधर देख रहा था।
मी लॉर्ड बैलट पेपर चेक करके फैसला लें:आम आदमी पार्टी
अदालत में आम आदमी पार्टी के वकील ने कहा कि अदालत बैलेट पेपर्स को चेक कर ले और उनके आधार पर ही फैसला लिया जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या बैलेट पेपर सुरक्षित हैं? जब अदालत को यह जानकारी मिली कि बजट पेपर सुरक्षित हैं, तो कोर्ट ने कहा कि हम उसकी जांच करेंगे और उसके बाद फैसला करेंगे कि चंडीगढ़ में नए सिरे से चुनाव होना है या फिर पुराने बजट पेपर्स के आधार पर ही फैसला लिया जाए।