वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अब गिनती के दिन बाकी रह गए हैं।चुनाव आयोग अब जल्द ही लोकसभा चुनाव की अधिघिष्ण जारी कर सकती है। इस बीच लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो दिशोम गुरु शिबू सोरेन को लोकपाल केस में दिल्ली हाई कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। इस मामले में हाई कोर्ट का फैसला आ गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच को रद्द करने की राज्यसभा सांसद और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की याचिका को खारिज कर दिया है ।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की फैसले के बाद अब आय से अधिक संपत्ति मामले में शिबू सोरेन के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई द्वारा जांच का रास्ता खुल गया है। दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को दिशोम गुरु शिबू सोरेन के साथ ही जेएमएम के लिए भी एक बड़ा झटका माना जा रहा है।इस मामले में अंतिम सुनवाई 22 सितंबर 2023 को हुई थी और दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने यह फैसला सुरक्षित रख लिया था।
शिबू सोरेन परिवार के खिलाफ निशिकांत दुबे ने कि थी शिकायत
गोड्डा के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकपाल में शिबू सोरेन के खिलाफ शिकायत दर्ज करा कर सीबीआई की जांच करने की मांग की थी।शिबू सोरेन ने सीबीआई को चुनौती दी थी और उस पर रोक लगाने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए शुरुआती जांच की कार्यवाही को निरस्त करने की मांग की। उनकी इस याचिका को आज दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। इससे पहले 12 सितंबर 2023 को कोर्ट ने शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि मामले पर विचार की आवश्यकता है।
शिबू सोरेन के वकील ने कोर्ट में दी थी यह दलील
शिबू सोरेन के वकील ने कोर्ट में दलील दी थी की उनके मुवक्किल के खिलाफ दर्ज मामले पर लोकपाल विचार नहीं कर सकता है। उनका तर्क था कि वादी द्वारा लगाए आरोप की तारीख, शिकायत की तारीख से 7 साल पहले का है।उन्होंने इस मामले को दुर्भावना और राजनीति से प्रेरित बताया। वहीं लोकपाल ने कहा था कि उनकी कार्यवाही कानून के मुताबिक हो रही है। गौरतलब है कि निशिकांत दुबे ने अगस्त 2020 में पूर्व कोयला मंत्री शिबू सोरेन और उनके परिजनों के खिलाफ शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि शिबू सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों ने सरकारी खजाने का दुरुपयोग करके काफी संपत्ति अर्जित की है।उन्होंने सोरेन परिवार पर उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त होने का भी आरोप लगाया था।
निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर कहीं यह बात
22 जनवरी को जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की अदालत ने शिबू सोरेन की याचिका पर सुनवाई की। शिबू सोरेन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिवक्ता प्रज्ञा सिंह बघेल ने अपना पक्ष रखा। वहीं लोकपाल का पक्ष सोलसीटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने रखा। कोर्ट का फैसला आने के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि आज दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकपाल मामले में दाखिल मेरे केस की सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा और इसमें दखल देने से इनकार कर दिया है।दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सोरेन परिवार के खिलाफ लोकपाल की कार्रवाई और सीबीआई जांच कानूनसम्मत है। अंत में उन्होंने लिखा जय राम, श्री राम,जय जय राम।