कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत छोड़ो न्याय यात्रा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित असम राज्य में एक केस दर्ज किया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि यात्रा के लिए पहले से जो रूट तय था,यात्रा उस रूट पर नहीं निकलकर,दूसरे रूट पर निकाली गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस यात्रा को केबी रोड की ओर से ले जाने की अनुमति थी ,लेकिन इसके बजाय इस यात्रा को शहर में एक अन्य मार्ग से निकाला गया,जिससे क्षेत्र में अराजक स्थिति पैदा हो गई।
घटना की स्वतः संज्ञान लेकर दर्ज की प्राथमिकी
पुलिस पदाधिकारी के अनुसार रूट बदलकर यात्रा निकालने की वजह से अचानक भीड़ उत्पन्न हो गई।इस भीड़ के कारण कुछ लोग गिर गए और वहां भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। बाद में इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए यात्रा और उसके मुख्य आयोजक केबी बायजू के खिलाफ जोरहाट सदर थाने में प्राथमिक की दर्ज की गई है। अधिकारी के अनुसार प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है की यात्रा में शामिल नेताओें ने जिला प्रशासन के नियमों का पालन नहीं किया और उसने सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया।
विपक्ष ने इसे सरकार द्वारा यात्रा में अनावश्यक बाधा पैदा करने की बताई चाल
विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा कि दर्ज प्राथमिकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समक्ष अनावश्यक व्यवधान पैदा करने की सरकार की एक चाल है। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी पॉइंट पर यातायात मार्ग परिवर्तन के लिए पुलिस तैनात नहीं थी।पूर्व निर्धारित मार्ग बहुत छोटा था और हमारे साथ बहुत भीड़ थी, इसलिए हमने बस को कुछ मीटर के लिए दूसरे रास्ते पर ले लिया था।दरअसल भारत जोड़ो न्याय यात्रा को असम में पहले दिन मिली सफलता से मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शरमा डर गए हैं और राहुल गांधी के नेतृत्व वाली इस भारत जोड़ो न्याय यात्रा को पटरी से उतारना चाहते हैं।उन्होंने बताया कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा का यह असम चरण 25 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान यह यात्रा 17 जिलों में 833 किलोमीटर का सफर तय करेगा।गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में यह यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू हुई और 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी।