अखिलेश अखिल
इसमें कोई दो राय नहीं कि बिहार आज भी इस देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है। सबसे ज्यादा गरीबी आज भी इसी राज्य में हैं और इसी राज्य में अशिक्षा भी सबसे अधिक है। यहाँ कोई बड़ा कारोबार नहीं और नहीं कोई बड़ा उद्योग धंधा। लेकिन इस राज्य का दूसरा सच यह भी है कि देश में सबसे ज्यादा आईएएस तैयार करने वाला भी यही राज्य है। सरकार नौकरी के प्रति सबसे ज्यादा मारामारी इसी राज्य के युवा करते दीखते हैं। इसी राज्य के युवा दूसरे राज्यों में पहुंचकर बहुत से कोचिंग संस्थानों को आगे बढ़ा रहे हैं। इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में सबसे ज्यादा सीट पाने वाला भी यही राज्य है। और इसी राज्य से सबसे ज्यादा पलायन भी होता है। पलायन का दर्द सबसे ज्यादा इसी राज्य को झेलना पड़ता है।
लेकिन पिछले बीस सालों में बिहार बदला है। बिहार अब वैसा नहीं जो पहले था। अब यहाँ भी चमचमाती सड़के दिख रही है। यहाँ के बड़े शहरों में भी सभी सुविधाएं आ गई है। बहुत से बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दफ्तर भी बिहार पहुँच गए हैं। लोगों की प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी है लेकिन फिर भी बिहार आज सबसे ज्यादा पिछड़ा है
अब बिहार की मौजूदा सरकार युवाओं को नौकरी देने की तैयारी में है। पिछले साल नीतीश कुमार ने दस लाख नौकरी और दस लाख रोजगार देने का वादा किया था। इस दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। शनिवार को ही बिहार में 96 हजार से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया। पटना के गांधी मैदान में आयोजित इस समारोह में 26 हजार से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया। इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की।
तेजस्वी ने कहा, “बिहार का रोजगार मॉडल देश ही नहीं, विदेशों में भी सुर्ख़ियां बटोर रहा है। हम लोगों का नौकरी-रोजगार को लेकर जो कमिटमेंट था उसे हमारी सरकार पूरा कर रही है। हमारी सरकार ने महज 70 दिनों के अंदर शिक्षा विभाग में 2 लाख 15 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।”
उन्होंने कहा, “लोग बोलते थे कि नेताओं के वोटों की गिनती के अलावा कोई काम समय पर नहीं होता है, लेकिन हमारी महागठबंधन सरकार ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह काम रिकॉर्ड समय सीमा के अंदर करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। चार लाख से अधिक शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का भी ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।
तेजस्वी ने कहा कि बिहार ने एक मिसाल कायम की है। बिहार ही नहीं, बल्कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोई बहाली परीक्षा सही समय पर ही नहीं हुई, बल्कि उसकी नियुक्ति भी समय पर और उसका वेतन भी समय पर दिया जा रहा है। बिहार में अच्छे से पढ़ोगे तो नौकरी मिलना तय है और अच्छे से खेलोगे तो भी ‘मेडल लाओ, नौकरी पाओ’ योजना के तहत नौकरी मिलना तय है।
उपमुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश के नेतृत्व में सरकार ने 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार का वादा किया है। इस दिशा में सभी विभागों में अभियान चलाकर पद सृजित किए जा रहे हैं, वैकेंसी निकाली जा रही हैं।