सुप्रीम कोर्ट द्वारा बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के मामले को पलट दिए जाने के बाद अब बिल्किस बानो के दोषियों को अपनी बाकी सजा पूरी करने के लिए जेल जानी होगी।इस मामले में शीर्ष न्यायालय का यह कहना है कि गुजरात सरकार बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के लिए सक्षम नहीं है। गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने 15 अगस्त 2022 में इन लोगों को रिहा कर दिया था।अब सवाल यह है कि देश के शीर्ष न्यायालय की तरफ से सोमवार को जारी हुए आदेश के बाद बिल्किस बानो के लिए दोषियों के पास जेल जाने के अलावे और कौन से कानूनी रास्ते खुले हुए हैं।
शीर्ष न्यायालय ने 2 सप्ताह में सरेंडर करने का दिया है आदेश
वर्ष 2002 में गुजरात में दंगे हुए थे। माना जाता है कि गोधरा कांड की प्रतिक्रिया में गुजरात में बिलकिस बानो कांड हुआ था। इस कांड में 11 लोगों ने बिल्किस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया था और उसके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या कर दी थी। बाद में इन्हें हत्या करने के अपराध में दोषी पाए जाने के कारण आजीवन कारावास की सजा हुई थी। गुजरात सरकार ने वर्ष 1992 की नीति का हवाला देकर बिल्किस बानो मामले के दोषियों को 15 अगस्त 2022 को रिहा कर दिया था। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले की दोषियों की गुजरात सरकार द्वारा की गई रिहाई को निरस्त करते हुए बिल्किस बानो मामले में रिहा किए गए दोषियों को दो सप्ताह में जेल अधिकारियों के सामने सरेंडर करने के लिए कहा है।
क्या है दोषियों के पास विकल्प
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बिल्किस बानो मामले के दोषियों को दो सप्ताह में जेल अधिकारियों के सामने उपस्थित होने के लिए कहने के बावजूद फिलहाल इन 11 दोषियों के पास समीक्षा याचिका का रास्ता खुला हुआ है।सोमवार को आए फैसले के बाद ये सभी सुप्रीम कोर्ट में 30 दिनों के अंदर समीक्षा याचिका दाखिल कर सकते हैं। हालांकि यह बात भी साफ है कि सुप्रीम कोर्ट दाखिल होने वाले सभी समीक्षा याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करता है और समीक्षा याचिका का दायरा फैसला के दौरान की गई गलतियों को सुधारने तक ही सीमित होता है।
तीन आधार पर दायर कर सकते हैं याचिका
सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दाखिल करने वाले दोषियों के लिए तीन आधार हो सकते हैं। पहला कि कोई नई जानकारी या सबूत मिला जिसके बारे में दोषी को जानकारी नहीं थी,या वह आदेश जारी होने के समय उसे कोर्ट में पेश नहीं कर सका। दूसरा ,रिकॉर्ड में दिखाई किसी गलती के कारण और तीसरा,कोई वैसा पर्याप्त कारण जिसे कोर्ट सही मानता हो।
फिर से ही सकती है रिहाई
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय आने के बाद अब बिलकिस बानो मामले के दोषी को कुछ समय जेल में गुजारना होगा।इसके बाद वे फिर से क्षमा याचना के लिए आवेदन कर सकते हैं, हालांकि इसके लिए उन्हें महाराष्ट्र सरकार का दरवाजा खटखटाना होगा। सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिस राज्य में दोषियों पर मुकदमा चलाया गया और सजा सुनाई गई, वह राज्य ही क्षमा याचिका पर फैसला ले सकता है।
बीरेंद्र कुमार झा