बीरेंद्र कुमार झा
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर इन दिनों बारी – बारी से चर्चा हो रही है। इसी क्रम में महा विकास अघाड़ी गठबंधन जिसके तहत शिव सेना यूबीटी,कांग्रेस और एनसीपी पवार खेमा आता है, के नेताओं का मंगलवार को नई दिल्ली में एक बैठक होना है। इस बैठक में सभी घटक दलों को मिलकर यह तय करना है कि महाराष्ट्र में किन-किन सीटों पर कौन-कौन लोकसभा का चुनाव लड़ेगा। लेकिन इस मीटिंग में कुछ फैसला हो इससे पहले ही महा विकास आघाड़ी के एक घटक दल शिवसेना (यूबीटी) ने अपने 23 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों को हरी झंडी दिखा दी है, जिस पर वह चुनाव लड़ना चाहती है। शिवसेना (यूबीटी)के प्रवक्ता संजय राउत ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि हमने 23 लोकसभा सीटों को लेकर दावा किया है। हमारे पास इन सभी 23 सीटों के लिए उम्मीदवार हैं और हम उन्हें हरी झंडी दे भी चुके हैं। दिल्ली में होने वाली बैठक में हम सिर्फ अपने इस मांग को रखेंगे।
वर्ष 2019 में लड़े सीटों को बना रहा है आधार
वर्ष 2019 में जब शिव सेना (यूबीटी) का बीजेपी से गठबंधन था, तब इसने महाराष्ट्र में 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे 18 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि 2022 में विद्रोह के बाद उद्धव गुटके 12 सांसदो ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से हाथ मिला लिया। संजय राउत ने कहा कि शिव सेना (यूबीटी) अपने पांच मौजूदा सांसदों को चुनावी मैदान में उतार सकती है। इसमें अरविंद स्वंत (मुंबई दक्षिण), विनायक रावत (रत्नागिरी सिंधु दुर्ग ),ओम राजे निंबालकर ( उस्मानाबाद), संजय जाधव (परभणी )और राजन विचारे (ठाने) शामिल हैं।
शिवसेना (यूबीटी)के लिए आसान नहीं होगा बागियों का रिप्लेसमेंट ढूंढना
मुंबई उत्तर पश्चिम के सांसद गजानन कीर्तिकर शिंदे सेना के दल बादलों में शामिल हो गए हैं।माना जा रहा है कि ठाकरे सेना गजानन कीर्तिकर के बेटे अमोल कीर्तिकर को मुंबई (उत्तर पश्चिम) से टिकट दे सकती है। संजय राउत ने कहा कि हमने उनसे चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा है।शिवसेना (यूबीटी) भले ही यह दावा कर रही हो कि उसने अपने सभी संभावित उम्मीदवारों को हरी झंडी दे दी है, लेकिन यह टास्क इतना आसान भी नहीं होने वाला है।
शिवसेना (यूबीटी) के ऐसे दावे बढ़ाएंगे इंडिया गठबंधन की मुश्किलें
शिवसेना उद्धव गुट की ओर से अभी तक यह साफ नहीं किया गया है कि जिन 23 सीटों को लेकर उसके द्वारा दावा किया किया जा रहा है,उनमें किन नेताओं को टिकट दिया जाएगा, लेकिन उसके इस दावे से इंडिया गठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती है। सवाल यह भी उठता है कि क्या महाविकास आघाड़ी के सहयोगी दल राज्य की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 23 सीट शिवसेना (यूबीटी) को देने के लिए तैयार भी होते हैं या नहीं ?साथ ही सीटों को लेकर अभी से इनके द्वारा दावा करने से लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के मिलकर लड़ पाने पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा हो सकता है।