विकास कुमार
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने नवनिर्वाचित भारतीय कुश्ती महासंघ के निलंबन का स्वागत किया है। पवार ने कहा कि खेल मंत्रालय को ये फैसला पहले ही कर लेना चाहिए था। पवार ने कहा कि डब्ल्यूएफआई को निलंबित करने का फैसला पहले लिया जाना चाहिए था। महिला पहलवानों के साथ आपत्तिजनक व्यवहार के बारे में शिकायत थी। इस तरह के लोगों के खिलाफ पहले ही फैसला ले लिया जाना चाहिए था। हालांकि इसमें देरी हुई, फिर भी मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं।
खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है,क्योंकि नवनिर्वाचित संस्था ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की गई। संजय सिंह का यही बयान उनके लिए गले का फांस साबित हुआ।
डब्ल्यूएफआई के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के भरोसेमंद संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित देश के चोटी के पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। वहीं संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद पर चुने जाने के बाद बजरंग ने अपना पद्मश्री पुरस्कार सरकार को वापस लौटा दिया था। इससे पहले साक्षी मलिक ने इसी कारण से कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी। मोदी सरकार ने अब जाकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है। उम्मीद है कि भारत की बेटियों को सरकार इंसाफ दिलाएगी।