बीरेंद्र कुमार झा
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में किसी एक सत्र में होने वाला यह सबसे बड़ा निलंबन है। संसद ने मात्र दो दिनों में अपने 141 सांसदों को निलंबित कर दिया और उन्हें पूरे शीतकालीन सत्र तक कार्यवाही में हिस्सा लेने से वंचित कर दिया।निलंबन की इस कार्यवाही में लोकसभा और राज्य सभा दोनों में से कोई सदन अछूता नहीं रहा,दोनो सदनों के सांसद इस निलंबन में शामिल थे।141 सांसदों में कल 92सांसदों को कल और आज 49 सांसदों को निलंबित किया गया ।ये सारे के सारे सांसद विपक्ष के विविन्न राजनीतिक दलों से संबंधित हैं।निलंबित होने वाले सांसदों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।
सत्ता पक्ष की दलील
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सदन के अंदर तख्तियाँनहीं लाने का निर्णय लिया गया था लेकिन हाल के चुनाव हारने के बाद हताशा के कारण विपक्षी राजनीतिक दल ऐसे कदम उठा रहे हैं। इससे सदन की गरिमा गिरती है और यही कारण है हम एक प्रस्ताव सांसदों के निलंबन से संबंधित ला रहे हैं। इसके बाद तख्ती लेकर हंगामा कर रहे, सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया।
विपक्षी सांसदों के निलंबन पर विपक्ष के नेताओं ने क्या कहा
विपक्षी सांसदों के निलंबन पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार सही बात सुना नहीं चाहती है।उन्होंने कहा कि हम सब अपने भाषणों में संसद के लिए लोकतंत्र का मंदिर जैसे शब्दों का उपयोग करते हैं ,लेकिन बीजेपी से यह पूछा जाना चाहिए कि वह संसद को लोकतंत्र का मंदिर किस मुंह कहते हैं, जब यह विपक्ष को लगातार सदन से बाहर करते जा रहे हैं।उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर बीजेपी दूसरी बार सरकार में आ गई तो बाबा साहब अंबेडकर का संविधान नहीं बचेगा।
वहीं सदन से आज निलंबित हुए नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर पुलिस किसके हाथ में है ?यह गृह मंत्रालय के अधीन आता है। क्या हो जाता यदि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद में आकर 5 मिनट का बयान दे देते और कह देते कि हम संसद की सुरक्षा मामले में कार्रवाई कर रहे हैं।
विपक्षी सांसदों को सस्पेंड किए जाने पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन ने कहा कि संसद के अंदर अराजकता के अलावा और कुछ नहीं है। बीजेपी को हमारे देश की संसदीय प्रणाली पर रत्ती भर भी विश्वास नहीं है। यही कारण है की संसद में अराजकता,अराजकता और अराजकता के अलावा कुछ नहीं है।
विपक्षी सांसदों के निलंबन पर समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने कहा कि आज लगभग 40 से ज्यादा सांसद सस्पेंड किए गए हैं। कल भी लोकसभा राज्यसभा मिलाकर 80 से ज्यादा सांसद सस्पेंड किए गए थे।यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है और जो वातावरण हम देख रहे हैं, जहां संसद में सांसद अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं, वह सरकार की पूरी विफलता को दर्शाता है।
विपक्ष ने जताया विरोध
इससे पहले संसद के दोनों सदनों से सोमवार को 90 से अधिक विपक्षी सदस्यों को सस्पेंड किए जाने पर विपक्ष ने विरोध जताया। विपक्ष के सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया और सदन की मॉक कार्यवाही का आयोजन किया ।निलंबित सांसदों ने संसद के नए भवन के मकर द्वार पर धरना भी दिया।