नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने 2000 रुपए के नोट को बंद करने की मांग करते हुए इसे ब्लैक मनी और जमाखोरी का जरिया बताया है। राज्यसभा में शून्यकाल दौरान भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि 2000 का नोट यानी ब्लैक मनी 2000 का नोट यानी होर्डिंग अगर ब्लैक मनी को रोकना है, तो 2,000 रुपये के नोट को बंद करना होगा।
2000 के नोट क्षणिक तौर पर लाए गए थे। RBI ने 3 साल से छपाई बंद कर दी है। अब बाजार में ये नोट नहीं दिखते। लोगों ने इसे जमा कर रखा है। इसका इस्तेमाल काले धन के तौर पर हो रहा है। सरकार को इसे बैन करने पर विचार करना चाहिए: भाजपा राज्यसभा सांसद सुशील मोदी pic.twitter.com/SfL9RXf1Wp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 12, 2022
सुशील कुमार ने बताया 2000 के नोट का कोई औचित्य नहीं
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि 2000 रुपये के नोट के सरकुलेशन का अब कोई औचित्य नहीं है। मेरा भारत सरकार से आग्रह है कि चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे 2000 रुपये के नोट को वापस ले लिया जाना चाहिए।
पीएम मोदी ने 8 नवंबर 2016 को किया था नोटबंदी का ऐलान
उल्लेखनीय है कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 500 और 1000 रुपए के नोट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का ऐलान किया था। जिसके बाद उसी दिन आधी रात से 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद पांच सौ का नया नोट आया और एक हजार के नोट की बजाय दो हजार रुपये के नोट छापे गए। 500 और 1000 के नोट को बंद करने के पीछे ये वजह बतायी गयी थी कि इससे ब्लैकमनी और आतंकवाद पर अंकुश लगेगा। लेकिन नोटबंदी के बाद न तो काले धन पर अंकुश लगा और न ही आतंकवाद पर ,इसलिए भाजपा में भी पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठाने लगे हैं।