न्यूज़ डेस्क
कभी एनसीपी के बड़े नेतों में शुमार रहे नवाब मलिक आज अजित पवार वाले गुट में शामिल हो गए। मलिक पहले महाआघाडी सरकार में मंत्री भी थे। मणि लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई और फिर 18 महीने तक जेल में भी रहे। माजूदा समय में मेडिकल जमानत पर मलिक बाहर है। आज उन्होंने अजित पवार गुट में अपनी आस्था व्यक्त की है। माना जा रहा है कि ईडी की करवाई अब उनपर ढीली पड़ सकती है और जेल से राहत भी मिल सकती है। इससे पहले, अजीत पवार ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उन्होंने मलिक को फोन किया था और कहा था कि “नागपुर में आपका स्वागत है”। उन्होंने कहा कि वह एक वरिष्ठ नेता हैं जो ऐसे मामलों पर अपने फैसले लेने में सक्षम हैं।गुरुवार सुबह, वह महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के लिए नागपुर गए और विधान भवन परिसर में अजीत पवार समूह के एक नेता के दफ्तर का दौरा किया।
मुस्कुराते हुए, उन्होंने वहां कई विधायकों और अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत की, एक-दूसरे का अभिवादन किया, हाथ मिलाया और कुछ को हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। लगभग दो वर्षों में अपने पहले विधायी सत्र में उपस्थित होने के लिए वो यहां पहुंचे।
विधानसभा सत्र शुरू होने के तुरंत बाद मलिक को विधानसभा में सत्ता पक्ष की पिछली पंक्ति में बैठे देखा गया, जिससे पुष्टि हुई कि उन्होंने अजित पवार के पीछे अपना पूरा जोर लगा दिया है।
उधर मुंबई और नागपुर में एनसीपी (शरद पवार) के वरिष्ठ नेताओं ने इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि “वह (मलिक) एक वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही अपना फैसला लिया होगा।”
बता दें कि अगस्त में जमानत पर रिहा होने के बाद से ही मलिक को शरद पवार और अजीत पवार दोनों गुटों द्वारा लुभाया जा रहा था, लेकिन उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले थे, जिससे अटकलों का बाजार गर्म हो गया था, जो अब समाप्त हो गया है।