विकास कुमार
महाराष्ट्र के शीतकालीन सेशन में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे ने बताया कि शीतकालीन सत्र के दौरान मराठा आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण की मराठा समुदाय की मांग ने जोर पकड़ लिया है। मनोज जरांगे पाटिल ने इस मुद्दे पर भूख हड़ताल शुरू किया था। इस दौरान राज्य के कुछ हिस्सों में आरक्षण आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था।
वहीं नीलम गोरहे ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह मुद्दा शीतकालीन सत्र के दौरान उठाया जाएगा,लेकिन जब तक सभी कामकाज और अन्य प्रक्रियाओं को अंतिम रूप नहीं दिया जाता। मैं चर्चा की तारीख की घोषणा नहीं कर सकती,लेकिन आरक्षण के मुद्दे पर दोनों सदनों में चर्चा होगी और हर कोई चाहता है कि कुछ स्थायी समाधान निकले।
वहीं छगन भुजबल के स्टैंड के बाद सत्ताधारी गठबंधन में मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। भुजबल ने मराठा को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने का कड़ा विरोध किया है। भुजबल ने इसे ओबीसी श्रेणी में मराठों की “पिछले दरवाजे से प्रवेश” बता रहे हैं।
महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सेशन में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष को कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए ताकि मराठा समाज को उनका हक दिया जा सके।