न्यूज़ डेस्क
तीन दिसंबर को पांच राज्यों के चुनाव के परिणाम सामने आएंगे और चार दिसंबर से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होगी। सत्र तरीके से चले इसके लिए सरकार ने दो दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष से सहयोग करने और चर्चा में शामिल होने की अपील की है।
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार ने फिलहाल सत्र के लिए 24 विधेयकों को तय किया है, आने वाले एक-दो दिनों में इसकी सूची को फाइनल कर लिया जाएगा और सरकार सर्वदलीय बैठक में सभी दलों को इसके बारे में जानकारी देगी। जोशी ने शीतकालीन सत्र को वर्तमान लोकसभा का अंतिम सत्र बताते हुए विपक्षी दलों से सहयोग करने और सदन में चर्चा में शामिल होने का भी अनुरोध किया।
सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान तेलंगाना में सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी स्थापित करने और जम्मू कश्मीर एवं पुड्डुचेरी विधान सभा में महिलाओं को आरक्षण देने सहित सात नए विधेयकों को सदन में पेश कर सकती है। वहीं इसके साथ ही सरकार ने आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 के साथ-साथ मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक सहित 18 विधेयकों को भी सत्र के लिए लिस्ट किया है।
संसद का शीतकालीन सत्र इस बार 4 दिसंबर को शुरू होने जा रहा है और इसके 22 दिसंबर तक चलने की संभावना है। शीतकालीन सत्र के 19 दिनों के दौरान 15 बैठकें होंगी। संसद का यह शीतकालीन सत्र पांच राज्यों के चुनावी नतीजे आने के अगले दिन से शुरू होने जा रहा है और ऐसे में चुनावी नतीजों का असर संसद सत्र की कार्यवाही पर भी पड़ना तय है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम विधान सभा चुनाव की मतगणना 3 दिसंबर को होनी है और इसके अगले दिन यानी 4 दिसंबर से संसद का यह शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला अगर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द करने की एथिक्स कमेटी की सिफारिश को स्वीकार कर लेते हैं तो उनकी सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव भी संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान ही लोक सभा में रखा जा सकता है।