Homeदेशगले तक कर्ज में डूबे हैं विदर्भ क्षेत्र के लाखों किसान, महाराष्ट्र...

गले तक कर्ज में डूबे हैं विदर्भ क्षेत्र के लाखों किसान, महाराष्ट्र के किसानों पर है 1,53,658 करोड़ रुपए का सरकारी कर्ज

Published on

विकास कुमार
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादूर शास्त्री का जय जवान जय किसान का नारा समय के साथ अपनी ताकत खोता चला गया। आज देश भर में किसान खुदकुशी कर रहे हैं। वहीं किसानों की खुदकुशी के मामलों से सरकार के दावों की पोल खुल रही है। भारत के नीति निर्माताओं की नजर में किसानों की कोई अहमियत नहीं रह गई है। महाराष्ट्र जैसे विकसित राज्य में भी विदर्भ इलाके के किसानों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा हैं विदर्भ के 35 लाख कपास उत्पादक किसान कर्ज की मार से जूझ रहे हैं। विदर्भ जन आंदोलन समिति के मुताबिक 95 फीसदी किसान भारी कर्ज के बोझ तले दबे हैं।

विदर्भ के किसान कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। औसत से कम वर्षा,छोटे सिंचाई की योजनाओं का अभाव,गरीबी और महाजनों का कर्ज किसानों की सबसे बड़ी समस्या है। वहीं किसानों के बच्चों के बीच फैली बेरोजगारी,खेती किसानी से लोगों का मोहभंग और सरकारी उदासीनता की मार से विदर्भ के किसान जूझ रहे हैं। इन सब वजहों ने विदर्भ के किसानों की मानसिकता को प्रभावित किया है। गरीबी से जूझ रहे किसान साहुकारों के जाल में फंस जाते हैं और ये साहुकार किसानों से ऊंची ब्याज दर वसूलते हैं। जब किसान ब्याज और मूलधन चुकाने में नाकाम रहते हैं तो या तो उनकी जमीन बिक जाती है या फिर कोई रास्ता न देख किसान अपनी जान दे देते हैं। 28.4 फीसदी किसान साहुकारों से कर्ज लेते हैं। वहीं केवल 3.94 फीसदी किसान ही लैंड डेवलपमेंट बैंक से लोन ले पाते हैं।

सितंबर महीने के पहले सप्ताह में विदर्भ में पिछले 24 घंटे में छह किसानों ने अपनी जान दे दी थी। बताया गया कि आत्महत्या करने वाले सभी किसान गले तक कर्ज में डूबे हुए थे। महाराष्ट्र में किसानों की खुदकुशी में विदर्भ पिछले दो सालों में सबसे आगे है। दरअसल जुलाई और अगस्त महीने में भारी बारिश के बाद फसलें बह गई थी। बदकिस्मत से इन छह किसानों की फसलें भी बह गई,जो इनकी आत्महत्या का कारण बनीं। खरीफ सीजन की शुरुआत में फसल बोने के लिए इन किसानों को लोन तक नहीं मिल पाया। पहले ही ये सभी गले तक कर्ज में डूबे हुए थे। दुर्भाग्य की बात ये है कि सूखे के अलावा बारिश भी किसानों के लिए काल बन गया।

वहीं यवतमाल जिले में केवल अगस्त महीने में 51 किसानों ने आत्महत्या कर ली थी। यवतमाल के जिला कलेक्टर ने सरकारी रश्म निभाते हुए बयान दिया। प्रशासन ने यवतमाल जिले में जागरूकता अभियान भी शुरू कर दिया,लेकिन इस अभियान का जमीन पर कोई असर नहीं दिखा। यवतमाल और वर्धा सहित ग्यारह जिलों में फैले विदर्भ क्षेत्र के किसान मुख्य रूप से कपास और सोयाबीन फसलों पर निर्भर हैं। सूखे और बेमौसम बारिश के कारण किसानों के साथ ही खेतिहर मजदूर बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं।

15 साल पहले केंद्र सरकार ने विदर्भ के कई जिलों को आत्महत्या प्रवण घोषित किया था। इस साल जुलाई के अंत और अगस्त में भारी बारिश के बाद हजारों हेक्टेयर में खड़ी फसल को नुकसान हुआ। 10 अगस्त को कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा घोषित राहत पैकेज प्रभावित किसानों तक नहीं पहुंच पाया। सरकार ने वादा किया था कि किसानों को प्रति हेक्टेयर 13 हजार छह सौ रुपए की वित्तीय सहायता देगी लेकिन जरुरतमंद किसानों तक ये मदद नहीं पहुंच पाई। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक महाराष्ट्र में 2021 में किसानों की मौत का आंकड़ा देश में सबसे ज्यादा थां

31 मार्च 2021 तक महाराष्ट्र के किसानों पर एक लाख तिरपन हजार छह सौ 58 करोड़ रुपए का कर्ज था। इसमें भी विदर्भ के किसानों पर कर्ज का कुछ ज्यादा ही बोझ है। ये कर्ज का आंकड़ा तो सरकारी बैंक का है,लेकिन 28 फीसदी से ज्यादा किसान तो साहुकारों के कर्ज तले दबे हैं,ऐसे में ये साफ है कि विदर्भ के किसान गले तक कर्ज में डूबे हुए हैं। अगर इन भारी भरकम कर्जों से किसानों को निजात नहीं दिलाया गया तो आत्महत्या का सिलसिला नहीं थमने वाला है।

Latest articles

IND vs AUS 1st Test: पर्थ में जसप्रीत बुमराह ने जीता टॉस, टीम इंड‍िया की पहले बल्लेबाजी, नीतीश कुमार और हर्ष‍ित राणा का डेब्यू

न्यूज डेस्क ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत ‘बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी’ के पर्थ टेस्ट में भारतीय टीम के...

Weather forecast Today: प्रदूषण के बीच दिल्ली-NCR में ठंड और कोहरे का प्रहार, यहां पड़ेगी झमाझम बारिश, जानिए अपने शहर का हाल..

न्यूज डेस्क उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में बीते कई दिनों से लगातार ठंडी बढ़ने...

Delhi Assembly Election 2025: जाने, आदर्शनगर विधानसभा सीट के बारे में सबकुछ…

आदर्श नगर विधानसभा सीट दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से एक है...

More like this

IND vs AUS 1st Test: पर्थ में जसप्रीत बुमराह ने जीता टॉस, टीम इंड‍िया की पहले बल्लेबाजी, नीतीश कुमार और हर्ष‍ित राणा का डेब्यू

न्यूज डेस्क ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत ‘बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी’ के पर्थ टेस्ट में भारतीय टीम के...

Weather forecast Today: प्रदूषण के बीच दिल्ली-NCR में ठंड और कोहरे का प्रहार, यहां पड़ेगी झमाझम बारिश, जानिए अपने शहर का हाल..

न्यूज डेस्क उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में बीते कई दिनों से लगातार ठंडी बढ़ने...