पटना (बीरेंद्र कुमार): डेढ़ महीने से जगदानंद सिंह रूठे हुए थे,और आरजेडी के प्रदेश कार्यालय नहीं जा रहे थे। लेकिन अब जगदानंद सिंह मान गए हैं। और सबसे बढ़कर यह कि की रूठने और मनाने के इस सिलसिले के बीच जगदानंद सिंह को खुद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपनी गाड़ी में बिठाकर आरजेडी दफ्तर पहुंचाया।
कैसे माने जगदानंद सिंह?
अपने आपको चोरों का सरदार कह कर जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भद पिटा दी थी,तो नीतीश कुमार ने भी आरजेडी पर दवाब बनवाकर सुधाकर सिंह को इस्तीफ़ा देने के लिए बाध्य कर दिया। सुधाकर सिंह के कृषि मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से ही जगदानंद सिंह रूठ गए और पार्टी कार्यालय आना बंद कर दिया। हालांकि उन्होंने दफ्तर नहीं आने की वजह स्वास्थ्य कारणों को बताया था। उनकी अनुपस्थिति में कार्यालय खर्च के लिए रुपए की निकासी कोषाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह और अशोक कुमार सिंह के दस्तखत से होती थी।
इसके बाद दिल्ली में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और जगदानंद सिंह के बीच मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में लालू यादव द्वारा जगदानंद सिंह को मनाते हुए एक बार फिर से उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी सौंप दी थी। इसके बाद से ही जगदानंद सिंह के आरजेडी छोड़ने के कयास पर अल्प विराम लगा था, और इसके बाद जब उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जगदानंद सिंह को अपनी गाड़ी में बिठाकर पार्टी कार्यालय पहुंचा तो इस मामले पर पूर्ण विराम लग गया।
जगदानंद सिंह के आरजेडी ऑफिस पहुंचने पर तेजस्वी यादव के उदगार
जगदानंद सिंह के आर जे डी ऑफिस लौटने पर तेजस्वी यादव ने कहा आप लोग जगदानंद सिंह को जानते नहीं हैं, जगदानंद सिंह बिल्कुल भी नाराज नहीं हैं। बीते 2 अक्टूबर से जगदानंद सिंह के पार्टी कार्यालय नहीं आने से पार्टी का कामकाज प्रभावित हो रहा था,लेकिन अब इनके पार्टी कार्यालय पहुंच जाने के बाद पार्टी के कामकाज चौगुनी रफ्तार से आगे बढ़ेगी।