बीरेंद्र कुमार झा
सूरत के स्कूल में पांचवी कक्षा का एक छात्र मंदिर में गणेश की प्रतिमा दर्शन के लिए डुमास समुद्र तट पर गया था। लखन नाम का वह बच्चा गणेश मूर्तियों की हो रहे विसर्जन को देखने के लिए समुद्र तट पहुंच गया।वहां असावधानीवश वह गहरे पानी में चला गया।परिवार के लोगों ने उसे अगले दिन तक ढूंढा लेकिन वह कहीं नहीं मिला। तब परिवार वालों ने समझ लिया कि वह अब जिंदा नहीं बचा ।लेकिन इसके बाद चमत्कार हुआ और बच्चा जिंदा घर लौट आया।
डूबते को गणेश की विसर्जित मूर्ति का सहारा
सौभाग्य से लखन को गहरे समुद्र में विसर्जित किए गए गणेश मूर्ति का सहारा मिल गया।वह समुद्र में 24 घंटे तक मूर्ति को पकड़े रहा। तट से 18 नॉटिकल माइल्स की दूरी पर वह समुद्र की में लहरों के बीच डूब और उतारा रहा था।तभी वहां से मछली पकड़ने वाली नाव ‘ नवदुर्गा ‘ गुजरी। लखन ने जोर से आवाज लगाई और हाथ हिलाया जिसे देखकर मछुआरे तुरंत वहां पहुंच गए। उन्होंने लखन को नाव में बिठा लिया।
नवसारी के धोआली बंदरगाह पर लौटा लखन,परिवार में खुशी
मछुआरे लखन को नवसारी के धोआली बंदरगाह पर ले आये। तट पर पहुंचने से पहले पुलिस को सूचना दी गई थी, जिस कारण नाव के पहुंचने से पहले वहां एंबुलेंस पहुंच गई थी। पुलिस के मुताबिक 14 साल का लखन 36 घंटे बाद परिवार से मिला।परिवार को जब इसकी सूचना दी गई तो मातम मना रहे लोगों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए।बच्चों को नवसारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
गणेश की कृपा से बचा लखन
अस्पताल में बच्चों को देखने के लिए भीड़ जुड़ गई गुजरात बीजेपी अध्यक्ष और सांसद सी आर पाटिल भी उसका हाल-चाल लेने अस्पताल पहुंचे। पाटिल ने लखन से कहा कि उसे मिली नई जिंदगी का वह अच्छा इस्तेमाल करें और पढ़ लिखकर डॉक्टर बने। पाटिल ने मीडिया से कहा कि वह भी इस बात से हैरान है कि एक छोटा बच्चा समुद्र में इतनी देर तक गणेश मूर्ति के अवशेष के सहारे लटक रहा और डूबने से बच गया।