बीरेंद्र कुमार झा
आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष,पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने कहा कि खतियान आधारित स्थानीयता झारखंड के मूल वासियों और आदिवासियों की सिर्फ एक मांग पत्र नहीं है,यह हमारे पूर्वजों का सपना भी है।इसके लिए झारखंड की धरती ने बहुत कुर्बानियां दी है। यह आज की पीढ़ी का एक दृढ़ संकल्प भी है। हम इसके लिए वैधानिक ढांचों के अंतर्गत तब तक ईमानदारी से लड़ते रहेंगे, जबतक कि इसे हासिल नहीं कर लेते हैं ।इसके लिए राज्य के हर युवाओं को यदि सर पर कफन बांधकर भी निकालना पड़े तो, हम सभी निकलेंगे ।स्वर्गीय विनोद बिहारी महतो व शहीद निर्मला मह तो के बलिदान को व्यर्थ नहीं होने देंगे।हमारे पूर्वजों ने इसके लिए जान दी है और अब इसे हासिल करना हमारी जीत है। उन्होंने कहा कि राज्य के दलित अल्पसंख्यक आदिवासी हमारा। साथ दे, हम उन्हें खतियान आधारित स्थानीयता नीति देंगे।श्री महतो रांची के मोराबादी मैदान में आयोजित पार्टी के महाविद्यालय के दूसरे दिन बोल रहे थे।
विशेषज्ञों के साथ मंत्रणा
महाधिवेशन के मौके पर चार अलग-अलग विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखें इसके साथ झारखंड के कोने-कोने से लोगों की राय ली गई। सारे विचार और सुझावों को पटल पर रखा गया इस पर आजसू पार्टी बुद्धिजीवियों और विशेषज्ञों के साथ मंथन कर रही है।शनिवार को सबसे पहले भूमि, कृषि एवं सिंचाई, खनन और उद्योग का पर्यावरण और पर्यटन पर विशेषज्ञों की राय ली गई। फिर झारखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति पर जाने-माने विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।स्वशासन और महिला सशक्तिकरण पर भी विशेषज्ञों की राय ली गई राजनीतिक प्रस्ताव पर सुदेश महतो ने अपने विचार रखें।
मौजूदा सरकार कर रही षड्यंत्र
सुदेश महतो ने कहा कि मौजूदा सरकार राज्य के मूलवासी विशेष कर दलितों ,पिछड़ों ,आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के साथ षडयंत्र कर रही है सदन में सरकार कहती है की कानूनी रूप से खतियान आधारित स्थानीयता नीति संभव नहीं है, लेकिन सड़कों पर बड़े-बड़े पोस्टर चिपकती है कि हमने राज्य के मूलवासी – आदिवासी को 1932 खतियान आधारित स्थानीयता नीति दे दिया है। सरकार अपनी नियोजन नीति से 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति से जोड़कर नियुक्ति के लिए विज्ञापन क्यों नहीं निकलती है? सरकार दलित और आदिवासियों के प्रति ईमानदार नहीं है। ऐसे में आजसू पार्टी यह संकल्प लेती है कि हम इन वर्गों को इनका अधिकार दिलाकर रहेंगे।