विकास कुमार
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग ने जोर पकड़ लिया है। मनोज जारंगे कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इस बीच कई राजनीतिक नेता उनके अनशन स्थल का दौरा कर चुके हैं। अब संभाजी भिडे ने अंतरवाली गांव में जाकर मनोज जारांगे से बातचीत की है। संभाजी भिड़े ने अनशन पर बैठे मनोज जारांगे से मुलाकात के बाद बड़ा बयान दिया है।
संभाजी भिड़े ने कहा कि मराठा समाज को आरक्षण मिलना ही चाहिए,भिड़े ने कहा कि जारांगे का रुख एक सौ एक फीसदी सही है। आरक्षण का मकसद पूरा होने तक हम आपके साथ । आपकी जिद ही सत्याग्रह है। अनशन रोकें लेकिन अनशन बंद न करें। जारांगे को अब भूख हड़ताल बंद कर देनी चाहिए। 15 दिन हो गए हैं और जारांगे भूख हड़ताल पर हैं। जारांगे का कहना है कि आपको ये फैसला अभी ले लेना चाहिए, कुछ तो समझना होगा, उसी के अनुरूप कदम बढ़ाना होगा। भूख हड़ताल को रोकें लेकिन लड़ाई नहीं रोकें,साथ ही मैं जारांगे के साथ हूं। उन्हें सपने में भी शक नहीं करना चाहिए साथ ही मराठा आरक्षण भी मिलना चाहिए, इसे पाने के लिए प्रयास करते रहेंगे,हम मराठा आरक्षण की लड़ाई जारी रखने के लिए हर स्तर पर जी जान लगा देंगे। उन सभी प्रयासों का परिणाम अभी नहीं आएगा लेकिन जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे इसका स्वरूप सामने आएगा। मेरी व्यक्तिगत राय है कि मराठा आरक्षण की लड़ाई का नेतृत्व मनोज जारांगे को करना चाहिए। वे जो प्रयास कर रहे हैं वह अच्छे हैं और उन्हें पीछे नहीं हटना चाहिए।
वहीं मराठा समुदाय के आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे भूख हड़ताल कर रहे हैं। जरांगे ने बिगड़ती सेहत को लेकर कहा कि उन्हें ‘मराठा आरक्षण के सलाइन’ की जरूरत है। मनोज जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय ने न्याय पाने के लिए 70 साल तक इंतजार किया है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। मनोज जरांगे ने कहा कि उनका अनशन तब तक चलेगा। जब तक महाराष्ट्र के मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी के तहत कुणबी प्रमाणपत्र नहीं मिल जाता। मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र के सभी दलों से मराठा आरक्षण के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने की अपील की है।
मनोज जरांगे के आंदोलन से शिंदे सरकार की सांसें अटकी हुई हैं,अगर मराठा आरक्षण का कोई हल नहीं निकाला गया तो आने वाले चुनाव में बीजेपी को बड़ा भारी नुकसान उठाना होगा।