विकास कुमार
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। इस संवेदनशील मुद्दे पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का भी बयान सामने आया है। शरद पवार ने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि ओबीसी कोटे से अधिक हिस्सा लेना भी ओबीसी गरीब लोगों के साथ अन्याय होगा। यह बिल्कुल भी नजरअंदाज करने वाली बात नहीं है। विकल्प यह है कि 50 फीसदी की मौजूदा शर्त को 15 से 16 फीसदी और बढ़ा दिया जाए। अगर केंद्र सरकार इस संबंध में संसद में संशोधन कर दे तो ये मुद्दे सुलझ जाएंगे।
शरद पवार का कहना है कि ओबीसी और अन्य लोगों के बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। पिछले कुछ दिनों से मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है। जालना की घटना के बाद राज्य भर में गुस्से भरी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं इसलिए, मराठा आरक्षण का मुद्दा फिर से गरमा गया है। शरद पवार ने इस मामले में केंद्र सरकार का मार्गदर्शन किया है।
महाराष्ट्र के जालना में लाठी चार्ज को लेकर मराठा समाज में आक्रोश का माहौल है। इधर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने लाठीचार्ज पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस का बचाव किया है। रामदास अठावले ने कहा कि जालना में मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पुलिस की दादागिरी है और इसमें गृह मंत्री देवेंद्र फड़णवीस का हाथ नहीं है। अठावले का दावा है कि पुलिस ने लाठीचार्ज करने का फैसला आपसी सहमति से लिया था और इसके लिए सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं दिया गया था। शिंदे सरकार को मराठा आरक्षण पर निर्णायक फैसला लेना होगा अगर इस मुद्दे का हल नहीं निकला तो बीजेपी और शिंदे की शिवसेना को भारी नुकसान उठाना होगा।