कानपुरः उत्तर प्रदेश के कानपुर से स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आयी है। यहां हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से एक अस्पताल में लगवाए गए फ्री आई कैंप में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले 6 लोगों की आंखों की रौशनी चली गई। ऑपरेशन के बाद सभी की आंखें इस कदर खराब हो गई कि उन्हें दिखना ही बंद हो चुका है। मामला सामने आने के बाद CMO ने जांच के आदेश दिए हैं।
ऑपरेशन फेल होने के बाद मरीजों को छोड़ा
जानकारी के मुताबिक, बीते 2 नवंबर को इन सभी मरीजों ने साउथ कानपुर के निजी अस्पताल आराध्या नर्सिंग होम में लगे आई कैंप में मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाया था। ऑपरेशन के बाद मरीजों को वहीं दिक्कत होने लगी थी, जिससे घबराकर अस्पताल कर्मचारी सभी को उनके गांव छोड़ आये थे।
आंखों से निकले आंसू और चली गई रौशनी
मरीजों के अनुसार, मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद से ही उनकी आंखों में दर्द होना शुरू हो गया था। उसके बाद धीरे धीरे आंखों से आंसू आने लगे और फिर दिखना ही बंद हो गया। मरीजों ने बताया कि, इसके बाद हमने अस्पताल जाकर अपनी समस्या बताई जिसपर अस्पताल वालों ने कुछ टेबलेट देकर हमें वापस भेज दिया। अब हमने इसकी शिकायत CMO से की है।
DBCS के तहत लगाए जाते हैं फ्री कैंप
यूपी में अक्सर अलग अलग जिलों में फ्री आई कैंप लगाकर ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों का मुफ्त मोतियाबिंद ऑपरेशन किया जाता है और इसका फंड सरकार देती है। इस तरह के कैंप स्वास्थ्य विभाग की DBCS (डिस्ट्रिक्ट ब्लाइंडनेस कंट्रोल सोसाइटी) के तहत लगाए जाते हैं।
क्या कहना है स्वास्थ्य विभाग का ?
इस मामले में कानपुर के CMO आलोक रंजन का कहना है कि, शिवराजपुर के 6 मरीजों की आंख खराब हुई है, ये मामला बहुत गंभीर है इसलिए इसकी जांच के लिए कमेटी बनाई गई है, जो पूरे प्रकरण की जांच करेगी। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।