गुवाहाटीः पूर्वोत्तर भारत के असम और मेघालय राज्यों के बीच एक बार फिर तनावपूर्ण स्थिति बन गई। दोनों राज्यों की सीमा पर करीब 300 लोगों ने एक साथ असम पुलिस और वन विभाग कर्मियों पर हमला कर दिया। भीड़ को शांत कराने के लिए चलाई गई पुलिस की गोली में पांच लोगों की मौत हो गई जबकि एक वन कर्मी भी पुलिस की फायरिंग में मारा गया।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, असम पुलिस और वन विभाग ने मिलकर तस्करी का काम करने वाले लोगों के खिलाफ एक अभियान चलाया था, जिसके बाद यह पूरी घटना घटी। असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले से सटी मेघालय की सीमा पर तकरीबन 300 लोगों का जत्था असम पुलिस और वन कर्मियों पर हमला करने आ गया था। भीड़ ने आते ही जांच दल और पुलिस पर धारदार हथियारों से हमला बोल दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस को भी भीड़ पर गोलियां चलानी पड़ी। बताया जा रहा है कि इसी दौरान मेघालय के 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि इसी आपाधापी में एक वन कर्मी भी मारा गया।
हिंसा के बाद 7 जिलों में इंटरनेट बंद
असम-मेघालय बॉर्डर पर हुई हिंसा के बाद मेघालय सरकार ने सात जिलों की इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। सरकार के आदेशों के मुताबिक़ इन सात जिलों में अगले 48 घंटों तक इंटरनेट सर्विस बंद रहेगी।
लकड़ी जब्त करने के बाद भड़की हिंसा
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, हमले में एक वन कर्मी के शहीद होने के साथ साथ लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। घटना के बाद इलाके में अब भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, सुरक्षाबलों की एक बड़ी टीम इलाके में भेजी गई है। अब तक प्राप्त जानकारी के मुताबिक अवैध तस्करी कर ले जायी जा रही लकड़ी को जब्त करने के बाद यह हिंसा भड़की।