विकास कुमार
मिजोरम के सैरांग क्षेत्र में निर्माणाधीन पुल ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। इस खौफनाक हादसे में 23 मजदूरों की मौत हो गई है। तलाशी अभियान के दौरान रेल पुल हादसे में अब तक 22 शवों को बरामद किया जा चुका है। इस खौफनाक हादसे का शिकार हुए ज्यादातर मजदूर पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के निवासी थे,इसलिए मालदा जिले के रतुआ ब्लॉक के पुखुरिया गांव में चीख पुकार मची हुई है। घर की महिलाओं और बच्चों का रो रो कर बुरा हाल हो गया है। गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है,क्योंकि अधिकतर मृतक मजदूर इसी इलाके के रहने वाले थे। गरीब परिवारों के इकलौता कमाने वाले शख्स की मौत होने से इन मजलूमों पर रोजी रोटी का संकट मंडरा रहा है। वहीं केंद्र सरकार ने मृतक मजदूरों के आश्रितों को मात्र दो दो लाख रुपए की सहायता दी है, जो ऊंट के मुंह में जीरे के फोड़न के समान है।
वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की है,चौधरी ने रेल मंत्रालय से दिए जाने वाले मुआवजे की राशि को बढ़ाने की मांग की है। चौधरी ने रेल पुल के निर्माण में पारदर्शिता बरतने की मांग की है। चौधरी ने कहा कि बार बार इस तरह के हादसे में बंगाल के लोगों की मौत हो रही है।
केंद्र सरकार को रेल पुल के धाराशाई होने की घटना की गंभीरता से जांच करनी चाहिए। साथ ही हादसे में मारे गए मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा देना चाहिए,ताकि एक बार फिर से उनकी जिंदगी पटरी पर लौट सके।