Homeदेशइसरो को मिल सकती है चंद्रयान-4 के लिए हरी झंडी, क्या होगा...

इसरो को मिल सकती है चंद्रयान-4 के लिए हरी झंडी, क्या होगा इसमें खास

Published on

बीरेंद्र कुमार झा

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग भारत और दुनिया के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह सफलता जहां भारत के चंद्र मिशन कार्यक्रम को अगले चरण की ओर ले जाएगी, जिसमें चांद पर पहुंचकर वहां के नमूने लेकर वापस धरती पर लौटना शामिल है,वहीं अमेरिका के आर्टेमिंस 3 मिशन के लिए यह मार्गदर्शन का भी कार्य करेंगी साथ ही यह चंद्रमिशन चांद के कुछ और रहस्यों से भी पर्दा हटा सकता है। सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों को जल्दी ही चंद्रयान 4 की तैयारी के लिए हरी झंडी मिल सकती है। इससे भारत चंद्र विजय अभियान में एक और कदम आगे बढ़ाएगी। इसमें चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद रोवर को वापस धरती पर लाने के प्रयास होंगे यानी रोवर चंद्रमा से नमूने लेकर धरती पर लौटेगा।

अगले चरण में चंद्रमा से नमूना लाने वाला चलेगा अभियान

चंद्रयान-3 के जरिए भारत ने चांद के उसे हिस्से में दस्तक देने में सफलता हासिल की है जहां अभी तक चांद पर विजय पाने वाले अमेरिका,सोवियत रूस और चीन के अभियान नहीं पहुंचे हैं, लेकिन अगर इन तीनों देशों की बात करें तो यह अपने मिशन को चांद पर भेज कर वापस नमूने लेकर धरती पर लौटाने में भी सफल हो चुके हैं ।अमेरिका के बाद सोवियत रूस ने 1976 ईस्वी में ही यह सफलता हासिल की थी जबकि चीन इसमें 2020 में सफल हुआ था।ऐसे में भारत का अब अगला कदम चांद से नमूने लेकर वापस लौटने का होना तय माना जा रहा है।

मानव को चांद पर भेजने की तैयारी

इसरो ने पहले चरण में चंद्रमा के ऊपर उपग्रह भेजा और दूसरे चरण में चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की। अब इसके मिशन का तीसरा चरण चांद से नमूना लेकर वापस आने का होगा इसके आगे का चौथा चरण में भारत चंद्रमा पर इंसान को भेजने का अभियान चलाएगा।

भारत अमेरिका के आगामी चंद्र मिशन अभियान में कर सकता है मदद

अमेरिका चांद के दक्षिणी ध्रुव पर 2025- 26 में अभियान भेजने की तैयारी कर रहा है। निश्चित रूप से उसका यह मिशन नमूना वापसी का होगा, हो सकता है कि वह कोई इंसान भी चंद्रमा पर भेजे, लेकिन उससे पहले चंद्रयान 3 के जरिए दक्षिणी ध्रुव से प्राप्त होने वाली जानकारी अमेरिकी मिशन के लिए भी मार्गदर्शन का कार्य करेगी।चंद्रयान 3 के रोवर प्रज्ञान के जरिए मिलने वाले आंकड़े अमेरिकी मिशन की राह भी प्रशस्त करेंगे।चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव शोध के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां तापमान – 200 डिग्री से लेकर 54 डिग्री सेल्सियस तक होने की संभावना है ।गहरे गड्ढे हैं, चंद्रयान 3 पर आधारित शोध इन रहस्यों पर से पर्दा हटा सकता है।

भारत चंद्र मिशन अभियान में कर सकता है वैश्विक अगुआई

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कई देश चंद्र मिशन कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी में जुटे हुए हैं।ये देश इसरो के साथ करार करने को इच्छुक हैं।ये देश चाहते हैं कि भारत की क्षमता का लाभ उठाकर वे अपने चंद्रमिशन को पूरा करेंगे। इससे चंद्रमिशन कार्यक्रम में भारत को वैश्विक नेतृत्व का अवसर भी मिलेगा। है।

 

Latest articles

USA से आया था फोन- पाक करने वाला है बड़ा हमला और फिर…’ एस जयशंकर का खुलासा

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले...

विधान सभा चुनाव 2025 से पूर्व नीतीश कैबिनेट में बड़ा फैसला

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज है।राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ चुनाव आयोग...

लांच हुई राष्ट्रीय खेल नीति 2025, Olympic 2036 पर नजर, 5 स्तंभ पर रहेगा पूरा फोकस

एक सुसंगठित दृष्टि और भावी रणनीति के साथ, अग्रणी राष्ट्र बनाने की दिशा में...

मोबाइल नंबर को हथियार बनाकर ऑनलाइन धोखाधड़ी पर लगाएगी लगाम! ये है सरकार का प्लान

साइबर फ्रॉड के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में दूरसंचार विभाग (...

More like this

USA से आया था फोन- पाक करने वाला है बड़ा हमला और फिर…’ एस जयशंकर का खुलासा

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले...

विधान सभा चुनाव 2025 से पूर्व नीतीश कैबिनेट में बड़ा फैसला

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज है।राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ चुनाव आयोग...

लांच हुई राष्ट्रीय खेल नीति 2025, Olympic 2036 पर नजर, 5 स्तंभ पर रहेगा पूरा फोकस

एक सुसंगठित दृष्टि और भावी रणनीति के साथ, अग्रणी राष्ट्र बनाने की दिशा में...