न्यूज़ डेस्क
बारिश और भूस्खलन जैसे प्राकृतिक हादसे से शिमला तबाह हो चुका है। तबाही का मंजर चारो तरफ देखने को मिल रहा है। जो हालत है उसे देखकर तो ऐसा लगता है कि आखिर अब शिमला का निर्माण भी कैसे होगा ? चारो तरफ बर्बादी ही बर्बादी। अधिकतर सड़के धंस गई है और अधिकतर मकान या तो ध्वस्त हो गए हैं या फिर खंडित दिख रही है। शिमला में क्षतिग्रस्त शिव मंदिर के मलबे से एक और शव बरामद किया गया है। इसके अलावा कृष्णा नगर इलाके में शाम को भूस्खलन की वजह से दो लोगों जान चली गई। इसके साथ ही प्रदेश में बारिश की वजह से हुई घटनाओं में मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 56 हो गई है। कृष्णानगर इलाके में भूस्खलन करीब 8 घर ढह गए और एक बूचड़खाना मलबे में दब गया।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी के मुताबिक, ताजा भूस्खलन में दो शव बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार से अब तक कुल 19 शव बरामद किए जा चुके हैं। इनमें से 12 समर हिल में शिव मंदिर स्थल से, 5 फागली में और दो कृष्णा नगर में बरामद किए गए हैं। शिव मंदिर स्थल पर अभी भी 10 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है। खराब मौसम को देखते हुए राज्य के सभी स्कूल और कॉलेज आज बंद हैं।
प्रदेश में मानसून के दौरान बादल फटने और भूस्खलन की कुल 170 घटनाएं हुई हैं। इस दौरान करीब 9,600 मकान आंशिक रूप से या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक समीक्षा बैठक की। इसमें उन्होंने बिजली, जलापूर्ति योजनाओं को बहाल करने के आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में बारिश में करीब 157 प्रतिशत की वृद्धि की वजह से पूरे प्रदेश में भारी क्षति हुई है।
सीएम सुक्खू ने अधिकारियों को मूसलाधार बारिश से प्रभावित बिजली और जलापूर्ति योजनाओं को तेजी से बहाल करने के निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने शिमला में जल निकासी प्रणालियों के सुदृढ़ीकरण और पुराने नालों के जीर्णोद्धार पर जोर दिया। उन्होंने इस संबंध में एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का भी आदेश दिया।
स्टेशन मास्टर जोगिंदर सिंह के मुताबिक, शिमला से करीब 6 किलोमीटर पहले समर हिल के पास कंक्रीट का पुल पूरी तरह से तबाह हो गया है। 5 या 6 जगहों पर इस धरोहर रेल मार्ग को क्षति पहुंची और सबसे ज्यादा नुकसान शिमला एवं शोघी के बीच हुआ है। प्रदेश में 12 में से 11 जिलों में 857 सड़कों पर यातायात बंद हैं और 4,285 ट्रांसफार्मर और 889 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं। राज्य आपात अभियान केंद्र के मुतबाकि, 22 जून से 14 अगस्त तक मानसून के दौरान प्रदेश को 7,171 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।