विकास कुमार
एनसीपी में बगावत के बाद से डिप्टी सीएम अजित पवार चाचा शरद पवार को रिझाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। एक बार फिर भतीजे अजित पवार ने चाचा शरद पवार से सीक्रेट मुलाकात की है। इस हाई प्रोफाइल मुलाकात के बाद से महाराष्ट्र की सियासत का पारा चढ़ गया है। इस मुलाकात पर उद्धव ठाकरे गुट ने खुलकर अपनी नाराजगी का इजहार किया है। इधर अजित पवार के साथ ‘सीक्रेट मीटिंग’ पर शरद पवार ने पहली प्रतिक्रिया दी है,शरद पवार ने बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर भी बड़ा बयान दिया है। शरद पवार ने कहा कि मेरी पार्टी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी, भले ही कुछ ‘‘शुभचिंतक’’ उन्हें इस बाबत मनाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर भतीजे अजित पवार मुझसे मिलते हैं, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है,मैं एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में यह स्पष्ट कर रहा हूं कि मेरी पार्टी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी। बीजेपी के साथ कोई भी जुड़ाव एनसीपी की राजनीतिक नीति में फिट नहीं बैठता है। हममें से कुछ ने अलग रुख अपनाया है,हमारे कुछ शुभचिंतक यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हमारे रुख में कोई बदलाव हो सकता है। यही कारण है कि वे हमसे सौहार्दपूर्ण चर्चा करने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं शरद पवार और अजीत पवार के बीच हुई मुलाकात पर उद्धव बालासाहेब गुट की शिवसेना ने टिप्पणी की है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार बार-बार शरद पवार से मुलाकात के लिए जा रहे हैं और मजे की बात यह है कि शरद पवार किसी मुलाकात को टाल नहीं रहे हैं। भाजपा जबरदस्ती अजित पवार को मुलाकात के लिए भेज रही है। कुछ मुलाकात खुले तौर पर हुईं तो कुछ मुलाकात गुप्त रूप से होने की बात की जा रही है। इसलिए लोगों के मन में भ्रम का निर्माण हो रहा है। लोगों के मन में यही भ्रम निर्माण हो, इसीलिए बीजेपी के देशी चाणक्य अजीत पवार को ऐसी मुलाकातों के लिए धकेलकर भेज रहे हैं क्या? ऐसी शंका को बल मिल रहा है। पवार चाचा-भतीजे के बीच हालिया हुई मुलाकातें भी मौज-मस्ती वाली सिद्ध हो रही हैं। आखिर किस पर हंसा जाए और किस पर नाराजगी जाहिर की जाए,यह महाराष्ट्र की समझ से परे हो गया है। शरद पवार की छवि ऐसी मुलाकातों से मलिन हो रही है और यह ठीक नहीं है।
जब से अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है और तब से लगातार कोशिश की जा रही है कि शरद पवार इस भूमिका को स्वीकार कर लें। भविष्य की राजनीतिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए बीजेपी आलाकमान चाहती है कि दोनों गुट एक हो जाएं। अजित पवार भी इसके लिए कोशिश कर रहे हैं,लेकिन अभी तक चाचा भतीजे में बात नहीं बन पाई।