विकास कुमार
महाराष्ट्र की सियासत में एक और हलचल होने वाली है। कयास लगाया जा रहा है कि ठाकरे परिवार फिर से एक हो सकते हैं। महाराष्ट्र में ऐसी चर्चा हो रही है कि 18 साल बाद मातोश्री की सियासत से राज ठाकरे का वनवास खत्म होगा। चर्चा है कि उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई राज ठाकरे को साथ लाएंगे। महाराष्ट्र की सियासत में पिछले एक महीने में दूसरी बार इस तरह की चर्चाएं जोरों पर हैं। हाल ही में शिवसेना (यूबीटी) सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के एक बयान ने इन अटकलों को और बल दे दिया। दरअसल उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे से फोन पर बात करने की बात कही है, उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं मनसे प्रमुख से बात करने के लिए फोन मिलाना चाह रहा हूं, लेकिन थोड़ी हिचकिचाहट है कि राज मेरा फोन उठाएंगे या नहीं? । बाला साहेब से जुड़े कुछ सामान लेने के लिए मैं राज से मिलना चाहता हूं।
सार्वजनिक तौर पर भले उद्धव किसी और वजह का जिक्र कर रहे हों, लेकिन अंदरखाने यह अटकलें तेज है कि उद्धव और राज के बीच जरूर कुछ खिचड़ी पक रही है। साल 2005 में उद्धव की ताजपोशी से नाराज राज ने शिवसेना का दामन छोड़ दिया था और बाद में मनसे बना ली थी। दरअसल तीन ऐसी घटनाएं हुई है जिससे ये कयास लगाया जा रहा है कि राज ठाकरे फिर से मातोश्री के करीब जा सकते हैं। पहले तो संजय राऊत के साथ मनसे नेता अभिजीत पानसे की बंद कमरे में एक घंटे से अधिक बातचीत हुई। संजय राउत से मुलाकात कर पानसे सीधे राज ठाकरे से मिलने पहुंचे। इसके बाद दोनों भाईयों के बीच गठबंधन की अटकलें तेज हो गई। वहीं पानसे और राउत के बीच मुलाकात के बाद मनसे के कार्यकर्ताओं ने दोनों भाईयों के साथ आने का पोस्टर लगा दिया। इस पर न तो मनसे ने और न ही शिवसेना (यूबीटी) ने सफाई दी। इन घटनाओं से ये संकेत मिल रहे हैं कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे साथ साथ आ सकते हैं लेकिन अंतिम नतीजे के लिए हमें थोड़ा इंतजार करना होगा।