विकास कुमार
बिहार में जातीय गणना पर लगी रोक को पटना हाईकोर्ट ने हटा दिया है। ये बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बड़ी नैतिक जीत है। एक अगस्त को हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि बिहार में जाति आधारित गणना होगी। हालांकि याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने बताया कि अब वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।
वहीं जातीय आधारित गणना पर पटना हाई कोर्ट के फैसले का बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने स्वागत किया है। तेजस्वी ने कहा कि सरकार के जाति आधारित सर्वे से प्रामाणिक, विश्वसनीय और वैज्ञानिक आंकड़े हासिल होंगे। इससे अतिपिछड़े, पिछड़े और सभी वर्गों के गरीबों को सर्वाधिक लाभ होगा। तेजस्वी ने लगे हाथों देश में जातीय गणना करवाने की मांग कर डाली।
जातीय जनगणना से बिहार के अलग अलग जातियों की आबादी का पता चलेगा। साथ ही लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का भी पता चलेगा। हालांकि इस आंकड़े से सियासी दल जाति का गुणा गणित भी अपने हिसाब से सेट कर सकेंगे। ऐसा अनुमान है कि महागठबंधन को जातीय जनगणना से बड़ा सियासी फायदा मिलेगा।