अखिलेश अखिल
बेंगलुरु की विपक्षी एकता की बैठक में लगभग सभी दल के नेता पहुँच गए हैं। एनसीपी नेता शरद पवार कल बैठक के दौरान ही पहुँचने की बात कही है। आज के कार्यक्रम के मुताबिक सोनिया गाँधी ने सभी नेताओं को रात्रि भोज पर आमंत्रित किया है। सभी मिलकर खाना खाएंगे और रात्रि में कुछ राजनीतिक और रणनीतिक चर्चा होगी। खबर के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आगे की तैयारी को लेकर काफी होमवर्क करके पहुंचे हैं। उनके साथ कई और नेता भी है। लालू प्रसाद भी पहुंच गए है।
जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक कल मंगलवार को 11 बजे से बैठक शुरू होगी और तमाम मुद्दों पर बात होगी। इसी बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रोड मैप तैयार किया जायेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विपक्ष की कल से शुरू हो रही बैठक में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, राज्यवार गठबंधन, सीट शेयरिंग के अलावा महागठबंधन के नए नाम पर चर्चा हो सकती है।खबर के मुताबिक, सभी दलों के साथ कॉर्डिनेशन के लिए एक संयोजक की नियुक्ति पर चर्चा होगी। इसके अलावा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नेताओं का एक ग्रुप बनाने पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक, 2004 लोकसभा चुनाव के बाद जिस तरह यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी बनी थीं, उसी तरह नए महागठबंधन में भी सर्वसम्मति से ऐसी नियुक्ति हो। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस चाहती है कि विपक्षी दलों में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे ही यह पद सौंपा जाए।
सोनिया गांधी के नाम पर किसी भी दल को ऐतराज नहीं होगा, क्योंकि वो प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार नहीं होंगी। हालांकि दावा ये भी किया जा रहा है कि कांग्रेस इस पद को लेकर विवाद की स्थिति में पीछे भी हट सकती है। कांग्रेस किसी भी और नाम पर सहमत हो सकती है। 23 जून को विपक्ष की पटना में हुई बैठक में कुछ दलों ने नीतीश कुमार को भी संयोजक बनाने की मांग रखी थी। हालांकि इस पर बात आगे नहीं बढ़ी। लेकिन उम्मीद की जा रही है नीतीश कुमार को इस बार संयोजक बनाया जा सकता है। शरद पवार का नाम भी संयोजक के लिए चल रहा है। लेकिन वे कितना तैयार होंगे यह देखना है। शरद पवार अभी एनसीपी की टूट की समस्या से परेशान हैं।

