विकास कुमार
समान नागरिक संहिता पर देश में एक नई बहस छिड़ गई है। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता के पक्ष में बयान देकर विपक्षी खेमे में खलबली मचा दी है। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष में होने के बावजूद आम आदमी पार्टी ने समान नागरिक संहिता का समर्थन कर दिया है। आप नेता संदीप पाठक ने कहा कि पार्टी सैद्धांतिक रूप से यूसीसी का समर्थन करती है। लेकिन इसके लिए सभी धर्म संप्रदायों से चर्चा कर आम सहमति बनानी चाहिए।
पीएम नरेंद्र मोदी के बयान के बाद समान नागरिक संहिता पर देश भर में बहस तेज हो गई है। 27 जून को भोपाल में बीजेपी के बूथ कार्यकर्ताओं के एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल पाएगा क्या? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर आरोप लगाया था कि वह यूसीसी के मुद्दे पर मुसलमानों को गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान भी देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है। सुप्रीम कोर्ट भी इसके पक्ष में है, लेकिन वोट बैंक की राजनीति करने वाले इसका विरोध कर रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार को समान नागरिक संहिता पर सार्थक संवाद करना चाहिए। ताकि हर धर्म और संप्रदाय के लोग इसे मन से स्वीकार करना चाहिए।