न्यूज डेस्क
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक इंटरव्यू में भारत को लेकर खूब ज्ञान दिया। सीएनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को भारतीय पीएम से मिलकर भारतीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर बात करनी चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि यह बात उन्हीं ओबामा ने कही है जिन्हें लेकर बकायदा डेटा है कि इन्होंने 7 मुस्लिम देशों पर 26171 से ज्यादा बम गिराए। इसके बावजूद ओबामा को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया। अब वही ओबामा भारत को अल्पसंख्यकों के अधिकार और सुरक्षा पर भाषण दे रहे हैं।
काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स के अनुसार, ओबामा शासन के दौरान साल 2016 में 26, 171 बम गिराए गए थे। इनमें से सीरिया में 12, 192, इराक में 12095, अफगानिस्तान में 1337, पाकिस्तान में 3, लिबिया में 496, यमन में 35 और सोमालिया में 14 बम हमले करवाए गए थे। प्रति दिन के हिसाब से आंकड़ों को देखें तो राष्ट्रपति रहते हुए ओबामा ने हर दिन मुस्लिम देशों पर 72 बम गिरवाए। इसके बावजूद उनका इस तरह मुस्लिमों की सुरक्षा पर बोलना काफी हैरान करने वाला है।
जहां तक ओबामा की ओर से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा बार-बार उठाये जाने और भारत को नसीहत देने की बात है तो इस बारे में कहा जा सकता है कि ओबामा को पहले यह सीख अपने देश को देनी चाहिए। ओबामा के कार्यकाल पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि अपने पूर्ववर्ती जॉर्ज डब्ल्यू बुश के मुकाबले अपने कार्यकाल में ओबामा ने दस गुना ज्यादा एअर स्ट्राइक करवायीं। बुश के कार्यकाल में कुल 57 हवाई हमले हुए थे जबकि ओबामा के कार्यकाल में 563 हवाई हमले हुए। जो हवाई हमले हुए वह सभी मुस्लिम देशों पर हुए जिनमें पाकिस्तान, सोमालिया, यमन, अफगानिस्तान और सीरिया आदि शामिल हैं। ओबामा के आदेश पर हुए हवाई हमलों में सिर्फ आतंकवादी ही नहीं मारे गये बल्कि हजारों की संख्या में निर्दोष आम नागरिक भी हताहत हुए।
रिपोर्ट के मुताबिक ओबाना ने अपने कार्यकाल के दौरान इस्लामिक देश पाकिस्तान में 54 ड्रोन स्ट्राइक करने की अनुमति दी थी। इनमें से एक स्ट्राइक तो ऐसी हुई जो किसी के जनाजे पर गिरी और 41 पाकिस्तानी नागरिक मारे गए। इसके बाद भी वहां 128 सीआईए ड्रोन स्ट्राइक हुईं जिसमें करीबन 89 नागरिक मारे गए थे। इसके अलावा यमन में की गई एयरस्ट्राइक में 55 लोग मरे थे जिनमें से 21 बच्चे थे और 12 गर्भवती महिलाएं।अफगानिस्तान में भी 2016 में 1337 हथियार छोड़े गए। 2007 से 2016 के बीच वहा एक अनुमान के मुताबिक 582 नागरिक मारे गए थे। अब ऐसे में ये स्थिति तो हास्यास्पद ही है कि एक व्यक्ति जो राष्ट्रपति रहते हुए इस्लामी देशों की मदद के नाम पर उन पर बम गिरा देता है वो अब भारत के प्रधानमंत्री को नसीहत दे रहा है कि उन्हें देश में मुस्लिमों के अधिकार पर ध्यान देना चाहिए वरना विभाजन हो सकता है।
गौरतलब है कि ओबामा ने कहा कि हिन्दू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा ध्यान देने योग्य है। ओबामा ने कहा कि अगर मेरी पीएम मोदी से बातचीत होती, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं, तो मेरे तर्क का एक हिस्सा यह होगा कि यदि आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत किसी बिंदु पर अलग होना शुरू कर देगा। और हमने देखा है कि जब इस प्रकार के बड़े आंतरिक संघर्ष होने लगते हैं तो क्या होता है।