न्यूज डेस्क
केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में लगाई गई सोने की प्लेटों पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में लगाया गया सोना, पीतल में बदल गया है। चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष व केदारनाथ के तीर्थपुरोहित संतोष त्रिवेदी ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगाई गयी स्वर्णमंडित परतों पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जिन प्लेटों को सोने का बताया जा रहा है वह पीतल की हैं। उन्होंने स्वर्णमंडित परतों की जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
तीर्थपुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में कुछ माह पूर्व लगायी गयी स्वर्ण परतें पीतल की हैं। गुरुवार को जब वह मंदिर के गर्भगृह में गए तो महसूस हुआ कि ये परतें सोने की नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि मंदिर समिति को जिसमें भी सोना दिया है उसकी जांच क्यों नहीं की गयी। उन्होंने गर्भगृह में लगाई गयी सोने की परतों के नाम पर सौ करोड़ 25 लाख रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिसने भी यह ठगी की है उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व में जब सोने की परतें लगाई जा रही थी तब भी उन्होंने विरोध किया था।
वहीं इस मामले में बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने दी जा रही जानकारी का खंडन करते हुए इसे भ्रामक बताया है। बीकेटीसी के कार्याधिकारी रमेश चंद्र तिवारी ने सोशल मीडिया पर केदारनाथ धाम में स्वर्णमंडित परतों को लेकर चल रही खबरों को तथ्यहीन बताया। उन्होंने कहा कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों व जलेरी को स्वर्णमंडित करने का काम बीते वर्ष एक दानीदाता के सहयोग से किया गया था। दानीदाता की और से साढ़े 23 किलो सोना लगाया गया है जिसका वर्तमान बाजार मूल्य 14.38 करोड़ रुपए है। साथ ही उपयोग की गई कॉपर प्लेटों का बाजार मूल्य 29 लाख रुपए है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही जानकारी भ्रामक और बेबुनियाद है। मामले में मंदिर समिति की ओर से नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि पूरे प्रकरण से करोड़ों शिव भक्तों की आस्था को ठेस पहुंची है।