विकास कुमार
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने सांसद सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष चुना है। इसके बाद अजित पवार के नाराज होने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। वहीं अजित पवार की नाराजगी के चर्चे पर भी सुप्रिया सुले ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अजीत पवार राज्य में विपक्षी दल के नेता हैं, उनकी स्थिति मुख्यमंत्री के समान है। राज्य में मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता की बड़ी भूमिका होती है।
वहीं सुप्रिया सुले को एनसीपी का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए जाने पर विपक्षी दलों ने भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया में एनसीपी पर भाई भतीजावाद की राजनीति करने की चर्चा होने लगी है। इन चर्चाओं का भी सुप्रिया सुले ने बखूबी जवाब दिया है।
देश में हर जगह परिवार का राज है, इस चयन में भी भाई-भतीजावाद है और यह स्वीकार्य हैं सुविधा की दृष्टि से लोग पवार के वंशवादी शासन को देखते हैं। मैं शरद पवार की बेटी हूं,मुझे इस पर गर्व है,जब एक नाव मेरे पास आती है, तो दूसरी नावें उनके पास जाती हैं, इसलिए उन्हें आरोप लगाने दें। जब मैं देश में एक सांसद के रूप में नेतृत्व कर रही हूं, तो विपक्ष को वंशवाद नहीं दिखता है। सिर्फ इसलिए कि मैं शरद पवार की बेटी हूं। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं देश में संसद में प्रवेश करने वाली पहली हूं। इसलिए, बहुत से लोग वंशवाद को अपनी सुविधा के रूप में देखते हैं।
विरोधियों की आलोचनाओं से बेखबर सुप्रिया सुले पूरी तरह से एक्टिव नजर आ रही हैं। वह महाराष्ट्र के गांवों का दौरा कर लोगों से मिल रही हैं। और उनकी समस्याओं को समझ रही हैं। साफ है कि एक दिन सुप्रिया सुले भी अपने पिता की तरह एक मास लीडर बनने का लक्ष्य तय कर चूकी हैं।