नई दिल्ली: मुजफ्फरनगर की खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गयी है। सैनी पर 2013 में दो लोगों की हत्या के बाद हिंसक प्रदर्शन के दौरान सरकारी काम में बाधा डालने के मामले 2 साल की सजा सुनायी थी। कोर्ट ने विक्रम सैनी को 2 साल की कैद और 10 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई। इसके बाद विक्रम सैनी की ओर से जमानत का प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 25-25 हजार के दो जमानती दाखिल करने पर अपील दाखिल तक विक्रम सैनी को अंतरिम जमानत दे दी थी।
एमपी/एमएलए कोर्ट ने सुनाई दो साल की सजा
मुजफ्फरनगर जिले की एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा 11 अक्टूबर को सुनाई गई सजा के बाद शुक्रवार को विधानसभा सचिवालय में विक्रम सैनी की सदस्यता समाप्त करते हुए, विधानसभा सचिवालय ने खतौली सीट रिक्त घोषित किए जाने संबंधी सूचना न्याय विभाग की रिपोर्ट आने के बाद ही सीट रिक्त घोषित करने पर निर्णय किया जाएगा।
दो लोगों की हत्या के बाद खतौली में भड़के थे सांप्रदायिक दंगे
दो लोगों की हत्या के बाद 2013 में हिंसक प्रदर्शन के दौरान सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में भाजपा विधायक विक्रम सैनी समेत 12 लोगों को दो साल की कैद की सजा सुनाई थी। साथ ही 10 हजार रुपये का जुमार्ना भी लगाया गया था। दो भाइयों की हत्या के बाद, अगस्त और सितंबर 2013 में मुजफ्फरनगर में दो समुदायों के बीच महीने भर तक झड़पें हुईं।
2017 से लगातार दूसरी बार उसी सीट से विधायक हैं सैनी
गौरतलब है कि विक्रम सैनी 2017 से उसी विधानसभा सीट से दो बार विधायक हैं। वह कवाल गांव के मुखिया थे, जब उन पर 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों से संबंधित हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया था।