अखिलेश अखिल
ओडिशा के बालासोर में हुई रेल दुर्घटना अब राजनीतिक रंग पकड़ चुका है। कई दलों ने इस मामले में जहा रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग की है वही ममत बनर्जी ने इससे दो कदम आगे बढ़कर अब बीजेपी सरकार को लपेटना शुरू कर दिया है। उन्होंने रेल मंत्री से इस्तीफा तो चाहती ही है कई और सवाल कड़ी कर रही है। जाहिर है आगामी चुनाव को देखते हुए यह सब किया जा रहा है। वैसे भी बीजेपी इसी तरह का खेल खेलती रही है। बीजेपी कभी भी अपनी गलती नहीं मानती। जैसे अडानी मामले में उसका जो रवैया है उसे सभी देखकर भौंचक हैं। दिल्ली में पहलवानो को लेकर सरकार जो भी करती दिख रही है उसे भी जनता समझ रही है लेकिन बीजेपी को लग रहा है उसकी टकट के सामने सबको झुकाया जा सकता है।
लेकिन बालासोर की घटना अब बड़े कैनवास की जगह ले ली है। ममता बनर्जी ने बीजेपी को घेरते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘जो लोग इतिहास बदल सकते हैं वो कोई भी नंबर बदल सकते हैं। लोगों के साथ खड़े हो जाने के बजाय हमें गाली दे रहे हैं, नीतीश जी को लालू जी को गाली दे रहे हैं। आपको शर्म आनी चाहिए। गोधरा किसने किया था। कैसे आग लगी थी, चलती ट्रेन में आग लगी थी। कितने लोगों की मौत हुई थी। आपके समय में भी बहुत घटनाएं हुई, हमने कभी कुछ नहीं कहा।’
वहीं बीजेपी ने याद दिलाया कि ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहते हुए भी ट्रेन दुर्घटनाएं हुई थीं। तृणमूल के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने ट्वीट किया कि बालासोर ट्रेन हादसा बताता है कि टक्कर रोधी उपकरणों को ट्रेनों में नहीं लगाया गया था और इनकी तुलना रेल भवन में ममता बनर्जी के कार्यकाल में हुई दुर्घटनाओं से नहीं की जा सकती है।घोष ने ट्वीट किया, ‘बालासोर ट्रेन दुर्घटना को ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। बालासोर ट्रेन दुर्घटना टक्कर-रोधी उपकरणों की कमी को उजागर करती है, जबकि ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस हादसे में नक्सली गतिविधियां शामिल थीं, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सक्रिय उपायों और रणनीतिक दृष्टिकोण के कारण अब अतीत की बात हो चुकी है।’
तृणमूल कांग्रेस ने वैष्णव के इस्तीफे की मांग की थी, जिससे नाराज बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी ने अपने ट्विटर हैंडल पर पलटवार किया था, ‘पिशी (बुआ) एक ट्रेन दुर्घटना के बाद रेल मंत्री के रूप में : -‘कभी कभी काम करने से मानव त्रुटि हो जाता है’… जो लोग कांच के घरों में रहते हैं उन्हें पत्थर नहीं फेंकना चाहिए और यहां आप अपने कांच के घर के अंदर से पत्थर फेंक रहे हैं।’ उधर बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा था, ‘ममता बनर्जी सिर्फ एक विनाशकारी मुख्यमंत्री ही नहीं हैं, वह एक दयनीय, संवेदनहीन और अक्षम रेलमंत्री भी थीं। यह पश्चिम बंगाल का दुर्भाग्य है कि वह राज्य की नियति की बागडोर संभालती हैं।’
अब इसी बालासोर मामले पर पटना में बीजेपी के नेता उग्र जो गए हैं। भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे पुल हिस्सा गिर जाने को लेकर बीजेपी लेकर नीतीश कुमार से रहे हैं। बीजेपी कह रही है कि अगर रेल दुर्घटना पर रेल मंत्री का इस्तीफा माँगा जा रहा है तो नीतीश कुमार को भी पुल गिरने पर इस्तीफा देना चाहिए। बता दें कि बिहार में गंगा नदी पर बन रहे रहे पल का एक हिस्सा टूटकर गिर गया है। यह 1700 करोड़ की योजना है। लेकिन खेल यह है कि इस पल का निर्माण तब शुरू हुआ था जब नीतीश सरकार में बीजेपी भी शामिल थी और बीजेपी नेता नितिन नविन मंत्री थे। इस पुल निर्माण की कहानी उन्ही के जरिये शुरू की गई थी। तब भी राजद ने इस पुल निर्माण पर सवाल उठाया था और कहा था कि इस पल का निर्माण जो भी कंपनी कर रही है वह घटिया सामान का उपयोग कर रही है। अब नीतीश कुमार ने इस निर्माण को लेकर जांच का आदेश दिया है।
जानिए बालासोर रेल दुर्घटना की कहानी अब गोधरा ,सेंथिया और भागलपुर तक क्यों पहुँच रही है ?
Published on

