अहमदाबाद: गुजरात के मोरबी जिले में बड़ा हादसा हो गया है। मणि मंदिर के पास मच्छु नदी पर बना केबल पुल टूट गया है। इस हादसे में अब तक 30 से ज्यादा लोगों के मरने की खबर है तथा 70 से ज्यादा लोग घायल बताये जा रहे हैं। गौरतलब है कि झूलते पुल पर सवार लोग पानी में गिर गए हैं। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गईं और रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त 400 से 500 की तादाद में लोग पुल पर मौजूद थे।
पिछले 6 महीने से बंद था पुल
यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। इसी महीने दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को आम लोगों के लिए खोला गया था।
PM मोदी ने की आर्थिक सहायता देने का ऐलान
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों ने मोरबी में हुई दुर्घटना के संबंध में बात की है। उन्होंने बचाव अभियान के लिए टीमों को तत्काल जुटाने, स्थिति की बारीकी से और लगातार निगरानी करने और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने को कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के आश्रितों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है।
મોરબી ખાતે થયેલ દુર્ઘટનાથી અત્યંત દુ:ખી છું. આ અંગે ગુજરાતના મુખ્યમંત્રી શ્રી @Bhupendrapbjp તથા અન્ય અધિકારીઓ સાથે વાત કરી. રાહત અને બચાવ કામગીરી પુરઝડપે ચાલી રહી છે તથા અસરગ્રસ્તોને તમામ આવશ્યક સહાય પૂરી પાડવામાં આવી રહી છે.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 30, 2022
गृहमंत्री अमित शाह ने जताया शोक
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विटर पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि इस विषय में मैंने गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सिंघवी व अन्य अधिकारियों से बात की है।
मोरबी में हुए हादसे से अत्यंत दुखी हूँ। इस विषय में मैंने गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी व अन्य अधिकारियों से बात की है। स्थानीय प्रशासन पूरी तत्परता से राहत कार्य में लगा है, NDRF भी शीघ्र घटनास्थल पर पहुँच रही है। प्रशासन को घायलों को तुरंत उपचार देने के निर्देश दिए हैं।
— Amit Shah (@AmitShah) October 30, 2022
गुजरात के मुख्यमंत्री ने हादसे पर जताया दुख
रेस्क्यू टीमों ने कई लोगों को नदी से निकालकर अस्पताल भेज दिया है। वहीं अन्य लोगों की तलाश भी जारी है। सभी लोगों को जल्द से जल्द नदी से बाहर निकालने की कोशिशें जारी हैं। रविवार को छुट्टी का दिन होने के चलते आज यहां काफी भीड़भाड़ थी। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हादसे पर दुख जताया है।
Morbi cable bridge collapse incident | I express my condolences to the families of the citizens who lost their lives in the tragedy. The state government will provide Rs 4 lakhs to the family of each deceased & Rs 50,000 to the injured, tweets Gujarat CM Bhupendra Patel pic.twitter.com/bEDvBs3ocD
— ANI (@ANI) October 30, 2022
140 साल से भी ज्यादा पुराना है पुल
मोरबी का यह केबल पुल 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह केबल पुल गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस पुल का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से 1880 में बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था। इसके बाद इस पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया गया था।
#WATCH | Several people feared to be injured after a cable bridge collapsed in the Machchhu river in Gujarat’s Morbi area today. Further details awaited. pic.twitter.com/hHZnnHm47L
— ANI (@ANI) October 30, 2022
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1979 में टूटा था मच्छु डैम, हजारों लोगों की हुई थी मौत
11 अगस्त 1979 को भीषण बारिश के चलते मोरबी जिले में स्थित मच्छु डैम टूट गया था। इसके बाद देखते ही देखते पूरा शहर पानी में डूब गया और तबाही मच गई थी। इस हादसे में करीब 25000 लोगों की जान चली गई थी।
इस हादसे के बाद पूरा शहर मलबे में तब्दील हो चुका था और चारो ओर सिर्फ लाशे नजर आ रही थीं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मच्छु डैम हादसे के बाद इंसानों के 1,137 शव और जानवरों के 2,919 शव बरामद हुए थे। उस समय करीब 100 करोड़ रुपये का हुआ था। जिन लोगों ने तबाही के इस मंजर को देखा था, वो आज भी इसको याद करके कांप उठते हैं।
सिरेमिक टाइल्स उत्पादन का हब है मोरबी
गुजरात का मोरबी देश भर में सिरेमिक टाइल्स उत्पादन का हब माना जाता है। यहां 70 से 80 फीसदी से ज्यादा टाइल्स और सेनेटरी उत्पाद बनाए जाते हैं। मोरबी में करीब एक हजार इकाइयां हैं, जिसमें चार सौ से ज्यादा ऐसी इकाइयां हैं जो खाड़ी देशों में अपने उत्पाद निर्यात करती हैं। इसके अलावा ज्यादातर इकाइयां यूक्रेन से लगती पूर्वी यूरोपीय देशों-पोलैण्ड, हंगरी, आस्ट्रिया, स्लोवाकिया के साथ-साथ मध्य एशियाई देशों को निर्यात की जाती है। इस उद्योग के जरिए चार लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है।